श्रीनगर स्थित 14वीं सदी की मस्जिद के प्रबंधन निकाय अंजुमन औकाफ़ ने कहा कि सोमवार को फ़ज्र की नमाज़ के बाद पुलिसकर्मियों ने जामिया मस्जिद के दरवाज़े बंद कर दिए और औकाफ़ को बताया कि सुबह 9 बजे होने वाली ईद की नमाज़ मस्जिद में पढ़ने की इजाज़त नहीं दी गई है.
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जामिया मस्जिद की प्रबंध संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने कहा कि इन प्रतिबंधों के लिए अधिकारियों द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया है. वहीं, कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज़ ने एक बयान में कहा कि शासकों द्वारा तथाकथित सामान्य स्थिति के सभी दावे ऐसे जनविरोधी क़दमों से विफल हो जाते हैं.
मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.
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श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित कश्मीर की सबसे बड़ी जामिया मस्जिद में 14 अप्रैल को रमज़ान के महीने के आख़िरी शुक्रवार की नमाज़ अदा की जानी थी, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जम्मू कश्मीर पुलिस सुबह-सुबह ही पहुंचकर मस्जिद ख़ाली करा दी और दरवाज़े पर ताले लगा दिए.
पुलिस ने शुक्रवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फारूक़ को जामिया मस्जिद में नमाज़ अदा करने के लिए अपने घर से निकलने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि नागरिक के तौर पर उनके अधिकार छीने जा रहे हैं, जबकि उपराज्यपाल ने एक स्पष्ट बयान दिया था कि उनकी आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है.
मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने के एक दिन पहले राज्य के प्रमुख नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था, जिनमें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मीरवाइज़ उमर फारूक़ भी थे. हुर्रियत के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज्य के अधिकारियों ने उन आरोपों का विवरण देने से इनकार कर दिया है जो मीरवाइज़ पर लगाए गए हैं.
बकरीद या ईद-उल-अजहा के मौके पर गायों और ऊंटों को अवैध रूप से मारने पर रोक लगाने वाले आदेश को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि केंद्रशासित प्रदेश में गोवंश के पशुओं के वध पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर संघीय भारत का अभिन्न हिस्सा है लेकिन वहां स्थित विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं और न ही यूजीसी जैसी संस्थाओं द्वारा प्रमाणित हैं.
जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले के संबल इलाके का मामला. आरोपी को गिरफ़्तार कर पुलिस हिरासत में भेजा गया. पुलिस ने बताया कि मध्य और उत्तर कश्मीर के 12 से अधिक स्थानों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद प्रशासन द्वारा कई राजनीतिक और अलगाववादियों नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए पर 25 फरवरी को सुनवाई होने की संभावना. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का आदेश दिया.
इससे पहले 17 फरवरी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक के साथ चार अन्य अलगाववादी नेताओं शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की सुरक्षा वापस ले ली थी.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के अलावा शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की भी सुरक्षा वापस ले ली है.