तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दावा किया है कि 2024 के आम चुनावों से पहले एकजुट विपक्ष बनाने के उनके बयानों के कारण राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले और धमकी से जुड़ीं फ़र्ज़ी ख़बरें और अफ़वाहें फैलाई गईं. उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा सदस्यों ने बुरी नीयत से ऐसा किया.
सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले किए गए हैं, हालांकि तमिलनाडु पुलिस ने वीडियो को झूठा और शरारतपूर्ण क़रार दिया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में हिंदी विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के सम्मान में आयोजित ‘भाषा शहीद दिवस’ में केंद्र पर बेशर्मी से हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम किसी भाषा के दुश्मन नहीं हैं. अपने हित के लिए कोई कितनी भी भाषाएं सीख सकता है, पर हम थोपे जाने के किसी भी क़दम का विरोध करेंगे.
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के ‘नौकरी के लिए हिंदी भाषा की जानकारी होने’ संबंधी प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि यह प्रस्ताव संविधान के संघीय सिद्धांतों के ख़िलाफ़ जाता है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को एम करुणानिधि के निधन के बाद 2018 में पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. स्टालिन द्रमुक के दूसरे अध्यक्ष हैं.
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केरल में एक समारोह को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में एक साथ होना पर्याप्त नहीं है. हमें सभी राज्यों में एकजुट होना चाहिए और एक अखिल भारतीय ताक़त बनना चाहिए.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि 'इंडिया’ अपनी अखंडता के लिए जाना जाता है और ‘हिंदिया’ के नाम पर देश को विभाजित करने के उद्देश्य से कोई प्रयास नहीं होना चाहिए. केंद्र सरकार यह ग़लत धारणा थोप रही है कि केवल हिंदी ही भारत के लोगों को एकजुट कर सकती है.
2018 में तमिलनाडु के तूतुकुडी में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन में भाग लेने वाले नागरिकों पर पुलिस फायरिंग की जांच के लिए बने जस्टिस अरुणा जगदीशन कमीशन ऑफ इंक्वायरी ने प्रदर्शनकारियों पर 'बिना किसी कारण के अत्यधिक घातक बलप्रयोग' के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफ़ारिश की है.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार को कुलपतियों का चयन करने का अधिकार नहीं होने के कारण उच्च शिक्षा पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है. पूर्व में राज्यपाल कुलपतियों का चयन करने से पहले राज्य सरकार से परामर्श करते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ऐसा नहीं किया जा रहा.
सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी समेत विपक्ष के नेताओं की ओर से कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर स्तब्ध हैं, जो कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कुछ भी बोलने में नाकाम रहे, जो अपने शब्दों और कृत्यों से कट्टरता फैलाने और समाज को भड़काने का काम कर रहे हैं. यह चुप्पी इस बात का तथ्यात्मक प्रमाण है कि इस तरह की निजी सशस्त्र भीड़ को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है.
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसे आवश्यक सामान की कमी हो गई है. देश में दिन में 13 घंटे तक बिजली गुल रहती है. इसके विरोध में बीते गुरुवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए और उनके इस्तीफ़े की मांग की थी. बाद में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी श्रीहरन ने अपनी ज़मानत याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को ज़मानत दी कि वह 32 साल से भी अधिक समय तक जेल में रहे. नलिनी ने कहा कि वह भी तीन दशकों से अधिक समय से जेल में है और जमानत पाने की हक़दार है.
गणतंत्र दिवस परेड के लिए कुछ राज्यों की झांकियों को मंज़ूरी नहीं दी गई है. केरल सहित ग़ैर भाजपा शासित राज्यों के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह केंद्र द्वारा अपमान है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकियों का चयन निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है.
पिछले सप्ताह केरल के वन विभाग द्वारा तमिलनाडु जल संसाधन विभाग को दी गई अनुमति को निरस्त करना उस आलोचना के मद्देनज़र आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि इस क़दम से मौजूदा 126 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध के बदले एक नए बांध की केरल की मांग कमज़ोर हो जाएगी. केरल की मांग है कि एक नया बांध बनाया जाना चाहिए और तमिलनाडु कह रहा है कि एक नए बांध की आवश्यकता नहीं है.
तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले की 17 वर्षीय छात्रा ने बुधवार को आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक, छात्रा को डर था कि वह डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए आयोजित ‘नीट’ परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाएगी. इससे पहले नीट के तनाव से 12 सितंबर को परीक्षा के कुछ घंटे पहले एक छात्र और 13 सितंबर को एक अन्य छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. नीट लागू होने के बाद से पिछले चार साल में तमिलनाडु में 17 छात्रों ने आत्महत्या की