पत्रकार गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक और शोधकर्ता एमएम कलबुर्गी की 30 अगस्त, 2015 को उत्तरी कर्नाटक के धारवाड़ स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी.
अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. दाभोलकर के परिवार ने कहा है कि सीबीआई को इस साज़िश के मास्टरमाइंड को खोजना होगा, वरना तर्कवादी विचारकों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के लिए ख़तरा बना रहेगा.
सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार गौरी लंकेश की पांच सितंबर 2017 को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एसआईटी ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपी गौरी लंकेश की हत्या की साज़िश का हिस्सा है और इस मामले में 18वां आरोपी है.
तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की हत्या की जांच कर रही एसआईटी ने स्थानीय अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि कलबुर्गी के हत्या करने वाले कथित तौर पर हिंदू चरमपंथी संगठन सनातन संस्था की किताब से प्रेरित थे.
अगस्त 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में कन्नड़ लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की उनके घर के दरवाज़े पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि पुलिस की शिनाख़्त परेड में उनकी पत्नी ने सनातन संस्था से जुड़े एक आरोपी को पहचान लिया है.
हत्यारों को जिस जगह कथित तौर पर प्रशिक्षण दिया गया था, वो जगह सनातन संस्था और इससे संबद्ध हिंदू जनजागृति समिति से जुड़े हुए एक बिजनेसमैन की है.
सीबीआई ने बताया कि वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे को गिरफ़्तार कर लिया गया है. पुनालेकर, वकीलों के एक संगठन हिंदू विद्धिन्य परिषद के अध्यक्ष हैं जो कि सनातन संस्था का ही एक अनुसांगिक संगठन है. वहीं, विक्रम भवे पुनालेकर के ऑफिस में काम करता है.
कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी ने उनकी हत्या की एसआईटी जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच की निगरानी में होगी एसआईटी जांच.
कोर्ट ने सीबीआई को जनवरी के पहले सप्ताह में यह सूचित करने का निर्देश दिया कि यदि इन सभी मामलों में एक समानता नज़र आती है तो उसे सभी मामलों की जांच क्यों नहीं करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि जांच कब तक पूरी होगी? कोर्ट ने कहा कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ है.
गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल द्वारा शुक्रवार को स्थानीय अदालत में दाखिल अतिरिक्त आरोप पत्र में यह भी बताया कि संस्था की 'हिट लिस्ट' में द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन का भी नाम था.
सीबीआई ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य ईएनटी सर्जन वीरेंद्र सिंह तावड़े, सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया है.
अदालत ने जांच एजेंसियों से पूछा कि क्या अधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी है या फिर अधिकारियों ने अपनी जांच मात्र मोबाइल फोन रिकॉर्ड तक सीमित कर दी है.
पुलिस द्वारा कोर्ट को सौंपी गई फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार गौरी और कलबुर्गी की हत्या में इस्तेमाल हुई गोलियां 7.65 एमएम कैलिबर वाली देसी बंदूक से चलाई गई थीं.
केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि एनआईए इसलिए जांच नहीं कर सकती क्योंकि यह राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली विशेष एजेंसी है.