नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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पूर्वोत्तर में एक नए क्षेत्रीय दल के तौर पर उभरे ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 40 सदस्यीय मिज़ोरम विधानसभा की 27 सीटें जीती हैं. वहीं, सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट 10 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली हैं.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है, वहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीआरएस को हराया है.
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मिज़ोरम के सत्तारूढ़ दल मिज़ो नेशनल फ्रंट से राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने बताया कि फरवरी 2021 में म्यांमार में तख़्तापलट होने के बाद से राज्य सरकार ने लगभग तीस हज़ार शरणार्थियों को पंजीकृत किया है. हालांकि कई शरणार्थी अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ रह रहे हैं, इसलिए उनका पंजीकरण नहीं हुआ है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए से राज्य की नवनियुक्त मुख्य सचिव को बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि मुख्य सचिव काम चलाने लायक भी मिज़ो भाषा नहीं जानती हैं और उनकी कैबिनेट के सदस्य हिंदी नहीं समझ पाते हैं और कुछ को अंग्रेज़ी में भी मुश्किल होती है.
तेरह राज्यों और दादरा एवं नगर हवेली की तीन लोकसभा सीटों व 29 विधानसभा सीटों पर गत 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस, हरियाणा में आईएनएलडी, बिहार में जदयू को सफलता मिली है. असम, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा को लाभ हुआ है.
मिज़ोरम की सरछिप सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा पर आरोप था कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जबकि वह ज़ोराम पीपुल्स मूवमेंट नाम के राजनीतिक दल के शीर्ष नेता थे. वह राज्य के पहले ऐसे विधायक बन गए हैं जिन्हें अयोग्य क़रार दिया गया है.
सत्तारूढ़ एमएनएफ ने चुनाव से पहले सरकार बनने पर पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था. 20 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में पेश होगा विधेयक.
मिज़ोरम में भाजपा पहली बार अपना खाता खोलने के साथ अपने कांग्रेस-मुक्त पूर्वोत्तर के राजनीतिक मिशन में कामयाब तो हुई, लेकिन राज्य के ईसाई बहुल मतदाताओं ने उसे पूरी तरह नकार दिया.
एमएनएफ प्रमुख जोरामथांगा का मुख्यमंत्री के बतौर यह तीसरा कार्यकाल है. पांच कैबिनेट और छह राज्य मंत्रियों ने भी ली पद और गोपनीयता की शपथ.
मिज़ोरम की 40 सदस्यीय सीट में से मिज़ो नेशनल फ्रंट ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की. ज़ोरामथांगा को एमएनएफ विधायक दल का नेता चुना गया.