अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के परिवार का कहना है कि पहले जम्मू कश्मीर पुलिस इस बात पर सहमत हुई थी कि उनके परिजन उन्हें दफ़नाने के इंतज़ाम कर सकेंगे, लेकिन बाद में पुलिसकर्मी उनका शव लेकर चले गए.
बडगाम पुलिस ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के इंतक़ाल के बाद उनके शव को पाकिस्तान के झंडे में लपेटने और कथित 'राष्ट्र विरोधी' नारेबाज़ी के मामले में यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.
बीते एक सितंबर को अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कश्मीर घाटी के ज़्यादातर हिस्सों में लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाई गई है. इंटरनेट सेवाओं और मोबाइल टेलीफोन सेवाओं को दो दिन तक बंद रखने के बाद शुक्रवार रात को बहाल किया गया था, लेकिन मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को शनिवार सुबह फ़िर से बंद कर दिया गया.