इंदौर में हिंदी माध्यम से पढ़ाई करके आई एक इंजीनियरिंग छात्रा ने भाषा को लेकर मज़ाक उड़ाए जाने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली. क्या इससे समझा जा सकता है कि छात्र अपनी मातृभाषा में ही ‘अपना सर्वश्रेष्ठ’ दे सकते हैं और उन पर शिक्षा का गैर-मातृभाषा माध्यम थोपकर कितनी प्रतिभाओं का संहार कर दिया जा रहा है!
मृतक मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की छात्रा थी. पुलिस ने बताया कि अपने सुसाइड नोट में छात्रा ने कहा है कि उसने 12वीं तक हिंदी मीडियम के पढ़ाई की थी और इसके कारण इंजीनियरिंग कॉलेज में दाख़िला लेने के बाद कई बार उसका मज़ाक उड़ाया गया था.