सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सज़ा पर रोक लगाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अपराध के तहत अधिकतम सज़ा देने के लिए विशेष कारण नहीं बताए हैं.
बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके ख़िलाफ़ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सज़ा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
सूरत अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई थी. वर्मा समेत 68 न्यायिक अधिकारियों को 65 प्रतिशत कोटा नियम के तहत ज़िला न्यायाधीशों के पद पर पदोन्नति के गुजरात सरकार और हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली दो साल की सज़ा पर रोक लगाने संबंधी याचिका सत्र अदालत में ख़ारिज होने बाद गुजरात हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक कर रहे हैं. वह 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े एक के मामले में आरोपी भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी का बचाव करने वाले वकीलों में से एक थे.
‘मोदी सरनेम’ आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से सूरत की एक अदालत के इनकार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हालांकि जस्टिस गीता गोपी ने बिना कोई कारण बताए मामले की सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया.
पटना की एक निचली अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पेश होने और 'मोदी सरनेम' पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा 2019 में उनके ख़िलाफ़ दायर याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था.
कांग्रेस सूरत की एक अदालत के इस फैसले के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील करेगी. बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके ख़िलाफ़ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सज़ा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
गुजरात में सूरत की अदालत में बीते बृहस्पतिवार को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई हुई. राहुल की ओर से पेश उनके वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश को गुमराह किया गया था. अदालत ने अपना फैसला 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत की अदालत में मोदी सरनेम मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि और सज़ा के ख़िलाफ़ अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई सूरत के अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश रॉबिन पॉल मोगेरा कर रहे हैं. जज मोगेरा वकील के तौर पर 2006 तुलसीराम प्रजापति फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
1971 में बांग्लादेश के संघर्ष के वक़्त जब भारत कई हलकों में पाकिस्तान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की तोहमतें झेल रहा था, लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि लोकतंत्र किसी देश का आंतरिक मामला नहीं हो सकता और उसका दमन सारे संसार की चिंता का विषय होना चाहिए.
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से बने माहौल में कांग्रेस इस नई और सकारात्मक छवि के बूते ख़ुद को सिर्फ और मजबूत कर सकती है. देश की सबसे पुरानी पार्टी का दायित्व है कि वह दूसरों के लिए जगह बनाए और किसी भी विपक्षी मोर्चे में इसे केंद्रीय भूमिका दिए जाने की मांग को इसके आड़े न आने दे.
वीडियो: भाजपा राहुल गांधी के 'मोदी सरनेम' संबंधी बयान को इस तरह पेश कर रही है, जैसे दिखा सके कि वे 'पिछड़ा-विरोधी' हैं. भाजपा कहती है कि राहुल ने पूरे ओबीसी मोदी समुदाय का अपमान किया है, हालांकि यह उपनाम कई अन्य जातियां भी इस्तेमाल करती रही हैं. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
वीडियो: राहुल गांधी की संसद सदस्यता उन्हें सूरत की अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रद्द हुई है. कोर्ट के इस निर्णय पर क़ानूनविदों ने सवाल उठाए हैं. इस मसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
विपक्ष के बिना लोकतंत्र की नदी सूख जाएगी. हर सरकार ग़लती करती है और ग़लतियां होने, उन्हें सुधारने में कोई शर्म नहीं है. पर जिन देशों में एक ही दल और उसके सुप्रीम नेता को ही लोकप्रियता और जनसमर्थन प्राप्त हो और विपक्ष कमज़ोर या ग़ायब हो, वहां इस सरकार और नेता की कोई ग़लती आपदा का रूप ले लेती है.
राहुल गांधी का चीनी घुसपैठ और अडानी विवाद को उठाना भाजपा की सबसे बड़ी ताक़तों- राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार मुक्त छवि- पर चोट करता है. पहली बार है, जब भाजपा ने राहुल के हमलों के जवाब में ‘पप्पू’ कहकर मज़ाक नहीं बनाया. महीनेभर में राहुल को जिस तरह से घेरा गया, वह दिखाता है कि यह बौखलाई हुई है.