एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत में मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने को लेकर नरेंद्र मोदी का स्पष्ट इनकार उन पत्रकारों के लिए चौंकाने वाला है जो उनकी सरकार के समय में देश के मुस्लिमों के साथ रोज़ाना हो रहे अन्याय और उत्पीड़न को दर्ज कर रहे हैं.
वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ वर्षों में पहली बार अमेरिका के दौरे पर प्रेस कॉन्फ्रेन्स में हिस्सा लिया, जहां उनसे भारत में मुस्लिमों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सवाल पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने देश में कोई भेदभाव न होने की बात कही, लेकिन क्या यह सच है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 22 जून को ह्वाइट हाउस पहुंचे थे. इस दौरान नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन कर राज्य में चल रही जातीय हिंसा पर सरकार की कथित उदासीनता और उसके द्वारा मेईतेई समुदाय का कथित तौर पर समर्थन करने का मुद्दा उठाया.
वीडियो: क्या नरेंद्र मोदी का संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का दौरा उतनी बड़ी उपलब्धि है, जितनी भारतीय मीडिया बता रहा है? इस बारे में चर्चा कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
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एक टीवी इंटरव्यू में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अगर वे नरेंद्र मोदी से बातचीत करते तो देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का ज़िक्र होता. उधर, अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि भारत में धर्म, जाति आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'तानाशाह' होने के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि देश में उनसे ज़्यादा लोकतांत्रिक नेता हुआ ही नहीं है, जिस पर अमेरिका की प्रख्यात टेनिस खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने चुटकी ली थी.