कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने पुलिस से कहा- फ़र्ज़ी ख़बरों पर स्वेच्छा से एफआईआर दर्ज करें

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य पुलिस को ग़लत सूचना, हेट स्पीच और मोरल पुलिसिंग में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ स्वैच्छिक एफआईआर दर्ज करके सक्रिय क़ानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए.

कर्नाटक: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने कहा- कोई मोरल पुलिसिंग या भगवाकरण नहीं होना चाहिए

पिछली भाजपा सरकार में कर्नाटक में मोरल पुलिसिंग एक बड़ा मुद्दा बन गया था. नवगठित कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुलिस के साथ पहली बैठक में कहा है कि हम इसे ख़त्म कर देंगे. लोगों ने बदलाव की उम्मीद में एक नई सरकार चुनी है. अधिकारियों को उनकी शिकायतों का जवाब देना चाहिए.

‘मोरल पुलिसिंग’ करने वाले सीआईएसएफ जवान की बर्ख़ास्तगी को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया

मामला वर्ष 2001 का है. गुजरात के वडोदरा स्थित एक पार्क में रात की शिफ्ट कर रहे सीआईएसएफ के एक जवान ने बाइक सवार जोड़े को रोककर युवती के साथ कुछ समय बिताने की मांग की थी और बाद में युवक की घड़ी लेकर उन्हें जाने दिया था. युवक की शिकायत के बाद सीआईएसएफ की विभागीय जांच में जवान को बर्ख़ास्त कर दिया गया था. 

दो बालिग शादी या लिव इन में साथ रह सकते हैं, मोरल पुलिसिंग की ज़रूरत नहींः हाईकोर्ट

जबलपुर के एक व्यक्ति ने एक याचिका में कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र की एक हिंदू महिला से शादी की और महिला ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म अपनाया पर उनके माता-पिता ने जबरन उन्हें ले जाकर क़ैद कर लिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें साथ रहने की इजाज़त देते हुए कहा कि बिना किसी दबाव के साथ रहने के इच्छुक बालिगों के मामले में किसी तरह की नैतिक पुलिसिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती.

ख़ौफ़ के साये में जी रहे हैं मेरठ में लव जिहाद के नाम पर पीटे गए युवक-युवती

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते 23 सितंबर को लव जिहाद के नाम पर पहले विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं और फिर पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए गए युवक-युवती की प्रताड़ना का सिलसिला अब भी जारी है.

मेरठ में लव जिहाद के नाम पर युवक-युवती पर हमला, विहिप कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज

मेरठ में पुलिस द्वारा मेडिकल छात्रा की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद अब छात्रा के मुस्लिम दोस्त की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस के सामने विहिप के लोग छात्र को पीट रहे हैं.

प्रेम संबंध निजी मामला, कॉलेज को दख़ल का अधिकार नहीं: केरल हाईकोर्ट

कोल्लम के एक कॉलेज द्वारा छात्र-छात्रा को प्रेम संबंध के चलते निष्कासित करने के फैसले को ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि इसे अनुशासनहीनता मानना प्रबंधन के नैतिक मूल्यों पर आधारित है. यह किसी के लिए पाप हो सकता है, किसी अन्य के लिए नहीं.

असम: नैतिकता के नाम पर युगल को रात भर पीटा, महिला का सिर मुंड़ाया

असम के नगांव ज़िले का मामला. पुलिस के अनुसार, नाजायज संबंधों के शक में ग्रामीणों ने युवक युवती से बदसलूकी की. इससे पहले गोलपाड़ा ज़िले में बाइक से जा रहे युगल के साथ मारपीट की गई थी.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय: जो धार्मिक पाठ ही नहीं है, उसको लेकर हंगामा है क्यों बरपा…

एएमयू को एक लड़की की गुस्ताख़ी पसंद नहीं आई, इसलिए एक ऐसा नारा जो इस्लामिक भी नहीं है उस पर हायतौबा मची है. ये देखना भी कम दिलचस्प नहीं है कि यूनिवर्सिटी किसी ज़िम्मेदार शैक्षणिक संस्थान की तरह व्यवहार करने की बजाय फ़तवे की किताब खोलकर बैठ गई है.

कोलकाता मेट्रो में गले लगने वाले जोड़े की पिटाई के विरोध में प्रदर्शन

युवाओं ने कई मेट्रो स्टेशनों पर ‘होक आलिंगोन’ यानी ‘गले लगो’ का पोस्टर लेकर किया प्रदर्शन. कोलकाता मेट्रो में युवक-युवती के गले लगने पर नाराज़ लोगों ने उन्हें पीटा था.

शादी के दिन शिक्षक दंपत्ति बर्ख़ास्त, स्कूल का दावा- रोमांस से छात्र प्रभावित होंगे

जम्मू कश्मीर: स्कूल अध्यक्ष ने कहा कि ये शिक्षक शादी से पहले रोमांटिक रिलेशनशिप में थे, जिसका छात्रों पर गलत असर पड़ता. अध्यापक ने कहा पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

कोलकाता के सत्यजित रे फिल्म संस्थान से 14 छात्राएं निष्काषित

कई हफ्तों से धरने पर बैठे सत्यजित रे फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान के छात्र-छात्राओं ने प्रबंधन पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया.

वेश्याओं और प्रेमिकाओं के पार

जब फिल्मी गाने लड़कियों को तंदूरी मुर्गी बता रहे हैं, तब किसी को तो उन लड़कों को वेश्याओं और प्रेमिकाओं की परिभाषाओं के पार उन ज़िंदा औरतों के बीच ले जाना होगा जो चाहे जिस्म बेचती हों या इंश्योरेंस- जब न कहें तो एक भले आदमी को चाहिए कि वह दरवाज़ा खोले और वापस लौट जाए.

जज ने पत्रकार से पूछा क्या कोर्ट में जींस-टीशर्ट में आना ‘बॉम्बे’ का कल्चर है?

बॉम्बे हाई कोर्ट में क़ानूनी रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों ने इस सवाल से नाराज़ होकर कोर्ट से वॉक आउट कर दिया.