असम में हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड के हैलाकांडी ज़िले में कछार पेपर मिल एवं मोरीगांव ज़िले के जगीरोड में नगांव पेपर मिलें- क्रमश: अक्टूबर 2015 और मार्च 2017 से बंद पड़ी हैं. कर्मचारियों को जनवरी और मार्च 2017 से कोई वेतन नहीं दिया गया है. कर्मचारी यूनियन का कहना है कि दोनों मिलों के बंद होने के बाद से कम से कम 103 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
असम के मोरीगांव ज़िले में वन रक्षकों की गोली से एक ग्रामीण की मौत से गुस्साए स्थानीय लोगों और कई छात्र संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया और गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. सोनाईकुची रिज़र्व वन में कथित तौर पर पेड़ काटने को लेकर वन रक्षकों ने कार्रवाई की थी.
असम में हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड के हैलाकांडी ज़िले में कछार पेपर मिल एवं मोरीगांव जिले के जगीरोड में नगांव पेपर मिलें- क्रमश: अक्टूबर 2015 और मार्च 2017 से बंद पड़ी हैं. नगांव पेपर मिल ठेकेदार संगठन ने कहा है कि मिल बंद होने से वे असहाय और बेरोज़गार हो गए हैं. नियोक्ताओं और श्रमिकों को लंबे समय से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है और उनकी वित्तीय स्थिति ख़राब हो रही है.
असम में नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल के जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज़्ड यूनियंस का कहना है कि हमारे अधिकतर कर्मचारियों की मौत उचित इलाज के अभाव में हुई है, क्योंकि उन्हें पिछले 55 महीनों से वेतन या बकाया नहीं मिला है. ये सामान्य मौतें नहीं हैं, हमारे लोग अधिकारियों की उदासीनता के कारण मारे जा रहे हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बारपेटा ज़िले के चेंगा और मोरीगांव के मायोंग में बाढ़ के पानी में एक-एक बच्चे डूब गए. राज्य के 17 ज़िलों में 3.63 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. लखीमपुर में सर्वाधिक 1.3 लाख से अधिक बाढ़ से प्रभावित हैं. 950 गांव जलमग्न हैं और 30,333.36 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 14 ज़िलों में 2.58 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. लखीमपुर में सर्वाधिक 1.05 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. राज्य के 732 गांव जलमग्न हैं, कई हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है और लाखों मवेशी प्रभावित हैं. डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के चलते कम से कम तीन घोड़ों की मौत हुई है.
असम में नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल के जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज़्ड यूनियन्स ने दावा किया है कि 14 जून के बाद से बंद मिलों के चौथे कर्मचारी की मौत हुई है और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पिछले ढाई महीने में यह छठी मौत है. पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल के दौरान भुखमरी या फिर इलाज की कमी के कारण 85 अन्य कर्मचारियों
असमी समाचार चैनल प्रतिदिन टाइम्स ने एक ऑडियो क्लिप प्रसारित किया था, जिसमें कथित तौर पर मंत्री और भाजपा नेता पीयूष हज़ारिका को पत्रकार नजरूल इस्लाम से बातचीत करते सुना जा सकता है. इस बातचीत के दौरान मंत्री ने नजरूल और एक अन्य पत्रकार तुलसी को उनके घरों से घसीट कर बाहर निकालने और ‘गायब’ करने की धमकी दी.