कर्नाटक में हिजाब और ‘हलाल’ मांस विरोधी अभियान के बाद बजरंग दल और श्रीराम सेना के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी संगठनों ने अब मस्ज़िदों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. श्रीराम सेना के संयोजक प्रमोद मुतालिक ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाए और ध्वनि प्रदूषण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए.
दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ को मार्च 2020 में तबलीग़ी जमात के एक आयोजन के बाद से बंद कर दिया गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड ने शब-ए-बारात और रमज़ान के दौरान इबादत के लिए मरकज़ के तीन तल खोलने की अनुमति मांगी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि शब-ए-बारात से एक दिन पहले 18 मार्च की दोपहर मरकज़ खोला जाएगा और इसे अगले दिन शाम को बंद कर दिया जाएगा.
मार्च 2020 में दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ में तबलीगी जमात के कार्यक्रम के आयोजन के बाद से उसे बंद कर दिया गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड शब-ए-बारात और रमज़ान के दौरान इबादत के लिए मरकज़ के तीन अन्य तल खोलने की अनुमति मांगी है.
यह विस्फोट अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत की राजधानी पेशावर के क़िस्साख़्वानी बाज़ार के नज़दीक शिया मस्जिद में उस वक़्त हुआ जब जुमे की नमाज़ चल रही थी. घटना में क़रीब दो सौ लोग घायल हुए हैं. इस आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है.
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे का समाधान कर दिया लेकिन काशी और मथुरा में 'सफेद ढांचे' हिंदुओं को आहत करते हैं. वह समय भी आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को चुभने वाला सफेद ढांचा अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के विरोध को देखते हुए तीनों नए कृषि क़ानून को वापस ले सकती है तो फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 को भी वापस लिया जा सकता है.
वीडियो: एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक दिल्ली स्थित जामा मस्जिद की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो गई है. इतिहासकार सोहेल हाशमी के अनुसार, मस्जिद के शाही इमाम हरसंभव तरीके से इसकी मरम्मत का प्रयास कर रहे हैं. इस बारे में द वायर ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण से बात की, जो देश में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण के लिए ज़िम्मेदार सरकारी एजेंसी है.
मामला नीमच ज़िले की जावद तहसील का है. पुलिस ने बताया कि दो दर्जन नक़ाबपोशों ने कथित रूप से एक दरगाह पर विस्फोटकों से हमला कर उसे नुकसान पहुंचाया है, साथ ही उसके ख़ादिम और एक ज़ायरीन की लाठी-डंडों से पिटाई की. हमला शनिवार रात क़रीब 11 बजे से रविवार तड़के तीन बजे तक चला.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मामला. पीड़ितों का कहना है कि इस घटना के संदर्भ में पुलिस ने शुरुआत में मामला दर्ज नहीं किया था क्योंकि हमलावर प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के एक स्थानीय सांसद से जुडे़ हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने द वायर का प्रकाशन करने वाले ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज़्म’ और उसके तीन पत्रकारों के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में दर्ज प्राथमिकियों को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पास जाने के लिए कहा और उन्हें गिरफ़्तारी से दो माह का संरक्षण दिया है.
24 अप्रैल के अपने आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र, विध्वंस के किसी भी आदेश को 31 मई तक रोक दिया जाना चाहिए. इसके बावजूद 17 मई को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रामसनेहीघाट स्थित मस्जिद को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया गया था.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाराबंकी में अवैध तरीके से एक मस्जिद को ध्वस्त करने की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार रात द वायर और इसके दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. मस्जिद को कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बीते मई में ध्वस्त किया गया था, जिसकी ख़बर भारत और विदेशों में द वायर सहित कई अन्य मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित की थी.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रामसनेही घाट तहसील परिसर में स्थित मस्जिद को प्रशासन ने 17 मई की शाम को ढहा दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने एक सदी पुरानी मस्जिद को कथित रूप से ढहाए जाने पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए सरकार से इस वारदात के ज़िम्मेदार अफसरों को निलंबित कर मामले की न्यायिक जांच कराने और मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग की है.
बिहार में पूर्वी चंपारण ज़िले के जमुआ गांव का मामला. आरोप है कि समर्थकों ने इस दौरान कई वाहनों में तोड़फोड़ की और जय श्री राम का नारा लगाते हुए मस्जिद का माइक और इसके गेट तोड़ दिए गए. पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
यह वही मुल्क़ है जहां ताजिये पीपल की डाल से न टकराए, इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है, हिंदू मांएं भी ताजिये का इंतज़ार करती हैं कि उसके नीचे से बच्चे को गुजारकर आशीर्वाद ले सकें. हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह में चादर चढ़ाते हिंदुओं को क्या अलग कर सकते हैं? लेकिन अब साझा पवित्रता का विचार अपराध है.