‘अक्षय कुमार, प्लीज़ आप इतिहासकार से वापस पत्रकार बन जाइए’

इस वक़्त गोदी जगत को नए कुमार की ज़रूरत है और अक्षय कुमार से बड़ा कुमार सूझ नहीं रहा है. काम वही करना होगा लेकिन नया चेहरा करेगा तो चेंज लगेगा. वो पत्रकार बनकर आएंगे तो एक ही शो को हर चैनल पर एक साथ चलवाया जाएगा. सीज़न भी आम का है, जितना आम मांगेंगे, उतना खिलवाया जाएगा.

भाजपा और हिंदुत्व ब्रिगेड के लिए मुग़ल नए खलनायक हैं

मुग़ल शब्द को भारतीय मुसलमानों को इंगित करने वाला प्रॉक्सी बना दिया गया है. पिछले आठ सालों में, इस समुदाय को- आर्थिक, सामाजिक और यहां तक कि शारीरिक तौर पर- निशाना बनाना न सिर्फ उन्मादी गिरोहबंद भीड़, बल्कि सरकारों की भी शीर्ष प्राथमिकता बन गई है.

आम नागरिकों का नफ़रत के ख़िलाफ़ खड़े होना आश्वस्त करता है कि घृणा हारेगी

देश में जहां एक तरफ नफ़रत के पैरोकार सांप्रदायिकता की खाई गहरी करने के फेर में हैं, वहीं उनकी भड़काने और उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद आम देशवासी सांप्रदायिक आधार पर एक दूजे के खून के प्यासे नहीं हो रहे, बल्कि उनके मंसूबों को समझकर जीवन के नए समतल तलाशने की ओर बढ़ने लगे हैं.

क्या दक्षिणपंथी राजनीति नागरिकों को दंगाई भीड़ में बदलने के मक़सद में सफल हो गई है

न्याय और बराबरी रोकने वालों ने बदलाव की लड़ाई को सांप्रदायिक नफ़रत की तरफ मोड़ दिया है. मुस्लिमों के ख़िलाफ़ घृणा उपजाने के लिए तमाम नकली अफ़वाहें पैदा की गईं, जिससे ग़ैर मुस्लिमों को लगातार भड़काया जा सके. आज इसी राजनीति का नतीजा है कि लोग महंगाई, रोज़गार, शिक्षा की बात करना भूल गए हैं.

मुग़लों को निशाना बनाकर आदित्यनाथ अपने ही नाथ संप्रदाय के इतिहास को मिटा रहे हैं

पूरे मुग़ल शासन के दौरान गोरखपुर समेत विभिन्न नाथों को शासकों द्वारा तोहफे और अनुदान प्राप्त हुए हैं. आधिकारिक मंदिर साहित्य भी इस बात की पुष्टि करता है.

गुजरात मॉडल से समाज के केवल शीर्ष एक प्रतिशत को फ़ायदा हुआ: मनमोहन

गुजरात चुनाव राउंडअप: पूर्व पीएम ने कहा- गुजरात हर पैमाने पर हिमाचल, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से पीछे, राहुल ने पूछा- आदिवासी कल्याण योजना के 55 हजार करोड़ रुपये कहां गए.

विकास के कथित पुजारी आख़िर में मंदिर राग क्यों गाने लगे?

लोकसभा चुनाव में पूरे देश में गुजरात मॉडल बेचा गया था, लेकिन गुजरात में अस्मिता, क्षेत्रीयता और अंतत: मंदिर मुद्दा बनता दिख रहा है. क्या विकास एक चुनावी झांसा है?

प्रधानमंत्री का काम यह नहीं कि फेंके गए कीचड़ को उठाकर दूसरे पर फेंक दें

वाजिब तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिशंकर अय्यर के बयान की आलोचना करने का हक़ है मगर औरंगजेब राज मुबारक कहकर वो भी अय्यर के स्तर पर आ गए.

‘औरंगज़ेबी’ तंज पर बोली कांग्रेस, बौखलाए पीएम कभी चीन-पाकिस्तान, कभी मुग़लकाल में पहुंच जाते हैं

गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने जीएसटी, महंगाई और बेरोज़गारी पर किए पीएम से सवाल, चिदंबरम का आरोप- गुजरात में सांप्रदायिक कार्ड खेल रही भाजपा.

अपने अपमान से आहत प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की तुलना मुग़लों से की

गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने राहुल की पदोन्नति को बताया औरंगज़ेबी राज, कांग्रेस ने दिलाई आडवाणी, जोशी, शौरी और सिन्हा की याद.