लोकसभा ने तीन तलाक़ विधेयक को मंज़ूरी दी

मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक में तीन तलाक़ को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन वर्ष तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

तीन तलाक़ पर केंद्र का प्रस्ताव महिला अधिकारों और संविधान के ख़िलाफ़: पर्सनल लॉ बोर्ड

बोर्ड ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक बात है कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक का मसौदा तैयार करने से पहले किसी भी मुस्लिम संस्था या किसी भी मुस्लिम विद्वान से कोई राय-मशविरा नहीं किया.

‘तीन तलाक़ को सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए’

मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं ने कहा, प्रस्तावित क़ानून में तीन तलाक़ के साथ निकाह, हलाला और बहुविवाह भी शामिल हो. सभी दल मिलकर मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों का समाधान करें.

कोर्ट के फ़ैसले के बाद भी जारी है एक बार में तीन तलाक़, सामने आए पांच मामले

एक बार में तीन तलाक़ को कोर्ट द्वारा असंवैधानिक क़रार देने के बाद उत्तर प्रदेश से चार और मध्य प्रदेश से एक मामला सामने आया है.

पितृसत्ता को चुनौती देने वाले समाज सुधार आंदोलनों को मज़बूत बनाना ज़रूरी

पितृसत्ता का प्रभाव देश के ज़्यादातर नागरिकों पर ही नहीं, बल्कि सरकार, प्रशासन और न्यायपालिका जैसे संस्थान भी इसके असर से बचे हुए नहीं हैं, जिन पर लैंगिक न्याय स्थापित कराने का दायित्व है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 104: तीन तलाक़ और 2022 में अच्छे दिन का वादा

जन गण मन की बात की 104वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और प्रधानमंत्री मोदी के वादों पर चर्चा कर रहे हैं.

तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोदी ने बताया ऐतिहासिक

कांग्रेस ने भी शीर्ष अदालत केे फैसले का स्वागत किया और कहा कि भेदभाव को दूर करने और महिलाओं का अधिकार बहाल करने की दिशा में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा.

तीन तलाक़ के अलावा इस्लाम में अलग होने के और भी तरीके हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन तलाक़ को असंवैधानिक घोषित कर दिया है. इस्लाम में तीन तलाक़ केे अलावा संबंध विच्छेद के और भी तरीके प्रचलन में हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक़ की प्रथा को असंवैधानिक और ग़ैरक़ानूनी करार दिया

बहुमत के फैसले में कहा गया कि तीन तलाक सहित कोई भी प्रथा जो कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है, अस्वीकार्य है.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा: काज़ी दूल्हे को सलाह देगा कि तीन तलाक़ न दें

प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हलफ़नामे का अवलोकन करेगी.

तीन तलाक़ बीते 1,400 वर्षों से आस्था का मामला है: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बोर्ड को पक्ष रखते हुए तीन तलाक़ को हिंदू धर्म की उस मान्यता के समान बताया जिसमें माना जाता है कि भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे.

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