सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी और विभाजनकारी बयानों के लिए अर्णब पर कई राज्यों में केस दर्ज

पालघर मॉब लिंचिंग मामले में कथित तौर पर सांप्रदायिकता भड़काने के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और यूथ कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के अलावा कुछ अन्य राज्यों में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है.

आरएसएस मुख्यालय के बाहर तस्वीरें खींचने पर दो फिल्मकार हिरासत में, 24 घंटे तक पूछताछ

आरएसएस मुख्यालय का फोटो खींचने के कारण बेंगलुरू के दो फिल्मकारों से 30 से अधिक पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की, जिनमें कुछ स्थानीय पुलिस, राज्य की आतंकरोधी स्क्वाड और खुफिया ब्यूरो के सदस्य शामिल थे.

महाराष्ट्र: आग के हवाले की गई महिला लेक्चरर की मौत

बीते तीन फरवरी को महाराष्ट्र के वर्धा में विकेश नगराले नामक व्यक्ति ने एक 25 वर्षीय महिला लेक्चरर को आग के हवाले कर दिया था जिसके कारण वह 40 प्रतिशत जल गई थीं.

चुनाव आयोग ने अमित शाह के दो भाषणों को दी क्लीनचिट, सर्वसम्मति से नहीं हुआ फैसला

पश्चिम बंगाल के नादिया में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बमबारी के बाद पाकिस्तान और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय में मातम था. ऐसा ही एक बयान उन्होंने नागपुर में भी दिया था जिसे क्लीनचिट देने पर एक आयुक्त द्वारा असहमति जताई गई थी.

मानव मूत्र इकट्ठा करने से हमें यूरिया आयात नहीं करना पड़ेगा: नितिन गडकरी

नागपुर नगर निगम के एक कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोग मेरा सहयोग नहीं करते क्योंकि मेरे सभी विचार शानदार होते हैं.

मेरे क्षेत्र में जातिवाद की बात की, तो पिटाई कर दूंगाः नितिन गडकरी

पुणे के पिंपड़ी चिंचवाड़ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक समानता के आधार पर समाज को एक साथ लाने की ज़रूरत है और इसमें जातिवाद और सांप्रदायिकता की जगह नहीं है.

वकील का दावा, ज़हर देने से हुई थी जज लोया की मौत

नागपुर के एक वकील सतीश ऊके ने सीबीआई जज बीएच लोया की मौत को संदिग्ध बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर कर कहा है कि जज लोया को ज़हर दिया गया था और इससे संबंधित सभी दस्तावेज मिटा दिए गए हैं.

संघ की शाखाएं बच्चों ख़ास तौर पर लड़कियों के संरक्षण के लिए ढाल का काम कर सकती हैं: सत्यार्थी

संघ की ओर से नागपुर में हर साल होने वाले दशहरा कार्यक्रम में शामिल हुए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी. कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने समाज की परंपरा पर विचार नहीं किया.

भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे और भाजपा विधायक रहे आशीष देशमुख ने भी कांग्रेस का दामन थामा.

सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारियों का उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना है

भीमा कोरगांव हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की कथित साज़िश रचने के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी के बाद से एल्गार परिषद चर्चा में है. एल्गार परिषद के माओवादी कनेक्शन समेत तमाम दूसरे आरोपों पर इसके आयोजक और बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल का पक्ष.

क्या ‘मैं भी अर्बन नक्सल’ का नारा बुनियादी सवालों से दूर ले जा रहा है?

सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हालिया कार्रवाई के ख़िलाफ़ जो जनाक्रोश उभरा है उसमें ‘नक्सल’ शब्द और इसके पीछे के ठोस ऐतिहासिक संदर्भों को बार-बार सामने रखना ज़रूरी है ताकि यह शब्द महज़ एक आपराधिक प्रवृत्ति के तौर पर ही न देखा जाए बल्कि इसके पीछे मौजूद सरकारों की मंशा भी उजागर होती रहे.

मैं भी ‘अर्बन नक्सल’ हूं!

दलितों और पिछड़ों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर, उन पर ‘माओवादी’ का लेबल लगाकर सरकार दलित महत्वकांक्षाओं का अपमान करती है, साथ ही दूसरी ओर दलित मुद्दों के प्रति संवेदनशील दिखने का स्वांग भी रचती है.

‘प्रतिरोध की हर आवाज़ का अपराधीकरण कर रही है सरकार’

वीडियो: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से हुई सामाजिक कार्यकताओं की गिरफ्तारी पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

संपादकीय: सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी देश में लोकतंत्र की चिंताजनक स्थिति का संकेत है

जैसे-जैसे 2019 आम चुनाव क़रीब आ रहे हैं, एक नई कहानी को बढ़ावा दिया जा रहा है- कि दुश्मन देश के अंदर ही हैं और ये न केवल सरकार और उसकी नीतियों, बल्कि देश के ही ख़िलाफ़ हैं.

सुप्रीम कोर्ट का कार्यकर्ताओं को नज़रबंद रखने का आदेश, कहा- असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व

अदालत ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के करीब नौ महीने बाद हुई गिरफ़्तारियों पर महाराष्ट्र पुलिस से सवाल करते हुए गिरफ़्तार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक जेल न भेजते घर में ही नज़रबंद रखने का आदेश दिया है.