नूंह में हुई हिंसा के बाद राज्य के कई क्षेत्रों में फैले सांप्रदायिक तनाव के बीच हरियाणा की लगभग 30 खापों, संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं, कई किसान संघों और विभिन्न धर्मों के लोगों ने हिसार में महापंचायत में हिस्सा लिया, जहां शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की गई.
देश की ग़ुलामी के दौर में विदेशी हुक्मरानों तक ने अपनी पुलिस से लोगों के जान-माल की रक्षा की अपेक्षा की थी, मगर अब आज़ादी के अमृतकाल में लोगों की चुनी हुई सरकार अपनी पुलिस के बूते सबको सुरक्षा देने में असमर्थ हो गई है.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह हिंसा के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्र में चल रही ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि क़ानून व्यवस्था की समस्या का इस्तेमाल बिना ज़रूरी क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किए समुदाय विशेष से जुड़ी इमारतें गिराने के लिए किया जा रहा है.
हरियाणा के नूंह में इस हफ्ते हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को ज़िला प्रशासन द्वारा मकान और संपत्तियां तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है. एक तरफ कुछ अधिकारी तोड़फोड़ का हिंसा से कोई लेना-देना न होने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ अधिकारियों का दावा है कि कुछ संपत्तियों के मालिक हिंसा में शामिल थे.