समस्या सड़क पर नमाज़ पढ़ने में नहीं, उसे देखने के तरीके में है

क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.

यूपी पुलिस कांवड़ियों पर फूल बरसाती है और मुस्लिमों का नमाज़ पढ़ना शांति में बाधा है: ओवैसी

भाजपा ने कहा कि ओवैसी मानसिक दिवालियेपन का शिकार हैं. उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार क़ानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानती है और नोएडा पुलिस ने जो कुछ भी किया, ठीक किया.