नवाबों का शहर फ़ैज़ाबाद, अब उस अयोध्या नगर निगम का अनाम-सा हिस्सा है, जिसके ज़्यादातर वॉर्डों के पुराने नाम भी नहीं रहने दिए गए हैं. नवाबों के काल की उसकी दूसरी कई निशानियां भी सरकारी नामबदल अभियान की शिकार हो गई हैं. हालांकि अब भी ग़ुलामी के वक़्त के तमाम नाम नज़र आते हैं, जो सरकार को नज़र नहीं आते.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस संबंध में पत्र भेजा गया है. इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, यूसुफ़ सराय, मसूदपुर, ज़मरूदपुर, बेग़मपुर, सैदुल अजब, फ़तेहपुर बेरी, हौज़ ख़ास और शेख़ सराय आदि शामिल हैं. भाजपा का कहना है कि इन गांवों के नाम मुग़ल काल के हैं, जो ग़ुलामी की याद दिलाते हैं.
दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा कि आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी ग़ुलामी का कोई प्रतीक, चिह्न हमारा हिस्सा हो, ये कोई भी दिल्लीवासी नहीं चाहता. वहीं, सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि नाम परिवर्तन आधिकारिक रूप से अमान्य होगा, क्योंकि ऐसा करने का अधिकार केवल राज्य सरकार के पास है.