प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ में एक रैली के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने ग्रैजुएशन का कपड़ा पहनकर पकौड़े बेचते हुए बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये ‘मोदीजी का पकौड़ा’ है.
व्यंग्य: हे पकौड़ा! तुम चाय की तरह हमेशा के लिए अमर हो जाते अगर मोदीजी कह देते, ‘मैं चाय के साथ पकौड़ा भी बेचता था, इसलिए मैं चाहता हूं भाइयों-बहनों की पूरा हिंदुस्तान चाय-पकौड़ा बेचे’.
छात्र-छात्राओं ने ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह’ पकौड़ा तथा ‘डॉ. येद्दि’ पकौड़ा बेचने के साथ इस संबंध में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा की.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि मीडिया में इन दिनों ‘पकौड़ा अर्थशास्त्र’ की चर्चा है. इसमें ग़लत क्या है, अगर हम कुछ पकौड़ा वालों की मदद कर दें तो हो सकता है कि एक दिन वह मैक्डोनाल्ड जैसी फास्ट फूड चेन शुरू कर दे.