राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हिंदुत्व की राजनीति करने वाले व्यक्ति का संबोधन था. वो, जिसने धर्म की भावुकता और राजसत्ता की बेईमानी से एक ऐसा मिश्रण किया है जिसके ज़रिये वह आम आस्थावान जनता को छल सके.
बीते 30 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में आईआईटी मद्रास के अनुसंधान केंद्र में आयोजित सिंगापुर-इंडिया हैकथॉन, 2019 में भाषण दिया था. आरोप है कि चेन्नई में दूरदर्शन की सहायक निदेशक आर. वासुमति ने इस कार्यक्रम का डीडी पोडिगई पर लाइव प्रसारण नहीं किया था.
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कुछ कहा वो सब वे तीन साल से बोल रहे हैं. आपको बुरा लगेगा लेकिन आप प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की व्याख्या देखेंगे तो वह दसवीं कक्षा के निबंध से ज़्यादा का नहीं है.