प्रदर्शनकारी राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) परिसर में पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका कहना है कि वे तब तक धरना जारी रखेंगे जब तक भारत में सभी एचआईवी मरीज़ों को एक महीने की दवाएं मिलनी शुरू नहीं हो जाती हैं.
वीडियो: जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति में कमी को लेकर एचआईवी पॉज़ीटिव मरीज़ दिल्ली स्थित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) में डेरा डालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 21 जुलाई से प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि एचआईवी के ख़िलाफ़ पहले और दूसरे चरण के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं की अत्यधिक कमी में है और ये लगभग छह महीने से उपलब्ध नहीं हैं.
यौनकर्मियों को राशन मुहैया कराने को लेकर दिए गए निर्देश का पालन न करने पर कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि गरिमा का अधिकार एक मौलिक हक़ है जो देश के प्रत्येक नागरिक को उसके व्यवसाय की परवाह किए बिना दिया जाना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन को एचआईवी से ग्रस्त लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने क़ानून की अधिसूचना तत्काल जारी करने के संबंध में नोटिस जारी किया है.
निजता के ख़तरे में पड़ने की आशंका से एड्स और एचआईवी प्रभावित लोग इलाज के लिए अस्पताल आने से बच रहे हैं.
सरकार द्वारा बकाया न चुकाए जाने के चलते प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने एचआईवी प्रभावित बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी दवा को बनाना बंद कर दिया है.