राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में भारत में महिलाओं एवं दलितों के खिलाफ अपराध में सात फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान बलात्कार के प्रतिदिन कम से कम 87 मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध के अलावा एक मार्च से 20 सितंबर के बीच महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की कुल 13,410 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 4,350 घरेलू हिंसा से संबंधित थीं.
दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में गिरफ़्तार गर्भवती सफूरा ज़रगर तिहाड़ जेल में हैं और अदालत में जेल अधीक्षक का कहना था कि उन्हें सभी ज़रूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. हालांकि देश की जेलों की स्थिति पर आए आंकड़े और सूचनाएं बताते हैं कि भारतीय जेलें गर्भवती महिला क़ैदियों के लिहाज़ से मुफ़ीद नहीं हैं.
वीडियोः देश में लगातार सामने आ रहे बलात्कार और यौन हिंसा के मामले महिला सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावों के उलट हैं. एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते तीन सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है.बता रही हैं रीतू तोमर.
राज्य में बीते तीन साल में गोकशी, चोरी, बच्चा चोरी और अफ़वाहों के चलते 21 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2017 से लेकर अब तक राज्य में जादू-टोना करने के शक के आधार पर हुई भीड़ की हिंसा में 90 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
दो अक्टूबर को 611 कैदियों की रिहाई के साथ ही पिछले एक वर्ष में ‘विशेष क्षमा’ योजना के तहत रिहा होने वाले कैदियों की कुल संख्या बढ़कर 2,035 हो गई है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार हत्या, बलात्कार और भ्रष्टाचार के अपराधों को छोड़कर छिटपुट मामलों के सैकड़ों दोषियों को रिहा किया जाएगा.
मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक जेलों की क्षमता 28,601 कैदियों की है लेकिन यहां 42,057 कैदी बंद थे.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, इन कैदियों में 1,649 महिलाएं भी हैं जो अपने 1,942 बच्चों के साथ जेल में रह रहीं हैं.
'क्रिमिनल जस्टिस इन द शैडो ऑफ कास्ट' नाम से प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि ये तथ्य बताते हैं कि पुलिस द्वारा दलित और आदिवासियों को निशाना बनाया जा रहा है.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि एनसीआरबी की ओर से मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक साल 2014 से 2016 की अवधि के दौरान कुल 22,167 बच्चे और 13,834 महिलाएं मानव तस्करी का शिकार हुए हैं.
जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप की घटनाओं के बीच झारखंड में बलात्कार की घटनाएं लगातार जारी हैं.
लोकसभा में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बताया कि साल 2014 से 2016 के दौरान ऋण, दिवालियापन एवं अन्य कारणों से क़रीब 36 हज़ार किसानों एवं कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की.
यह कैसा समाज है जहां जीवित इंसान की कोई कीमत नहीं पर मृत व्यक्ति के सम्मान की रक्षा के नाम पर लोग सड़क पर उतर आते हैं, तोड़-फोड़ करते हैं, यहां तक कि हिंसा करने से भी नहीं चूकते.
वर्ष 2016 में बलात्कार के 94.6 प्रतिशत पंजीबद्ध मामलों में बतौर आरोपी पीड़िताओं के दादा, पिता, भाई तक शामिल हैं.