मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के प्राचार्यों को लिखे पत्र में संस्थानों को 88 पुस्तकों का सेट खरीदने का निर्देश दिया है. इस सूची में सुरेश सोनी, दीनानाथ बत्रा, अतुल कोठारी, देवेंद्र राव देशमुख और संदीप वासलेकर जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख नेताओं द्वारा लिखी गई पुस्तकें शामिल हैं.
इस वर्ष एनसीईआरटी द्वारा जारी कक्षा छह की अंग्रेज़ी की नई किताब में राष्ट्रगान दिया गया है, वहीं संस्कृत की किताब में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों हैं, लेकिन संविधान की प्रस्तावना को जगह नहीं मिली है.
प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना का हिस्सा बनने से दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल द्वारा इनकार करने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत उन्हें मिलने वाले फंड को रोक दिया है. दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल की क्रमश: क़रीब 330 करोड़, 515 करोड़ और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रोक दी गई है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्षों के भीतर भारतीय भाषाओं में हर पाठ्यक्रम के लिए अध्ययन सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह क़दम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के क्रम में है.
शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है.
यूजीसी के 'सेल्फी पॉइंट' के आदेश समेत उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए जारी होते विभिन्न निर्देशों को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो लगता है कि ‘आज्ञापालक नागरिक’ तैयार करने का प्रयास ज़ोर-शोर से चल रहा है और इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्रयोगशाला बनाया जा रहा है.
2024 के आम चुनावों के क़रीब आते ही अपने नवीनतम पत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सुझाव दिया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेज के कैंपस अधिकारियों को छात्रों और आगंतुकों को ‘विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों’ पर ‘सामूहिक गौरव’ की भावना पैदा करने के लिए इन पॉइंट्स पर सेल्फी लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
विपक्षी इंडिया गठबंधन दलों से जुड़े 16 छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए ‘यूनाइटेड स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया’ के गठन की घोषणा की. नेताओं ने कहा कि आरएसएस समर्थित सरकार का लक्ष्य न केवल शिक्षा प्रणाली को कमज़ोर और नष्ट करना है, बल्कि वह इसे एक सांप्रदायिक और विनाशकारी योजना में बदलना भी चाहती है.
अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया था. हालांकि, मई में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे ख़त्म करने का वादा किया था.
अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में परिसर स्थापित करने के संबंध में मसौदा नियम जारी किए हैं. इसके तहत उन्हें भारत में परिसर स्थापित करने से पहले यूजीसी से मंज़ूरी लेनी होगी. साथ ही कहा गया है कि ये संस्थान ऐसा कोई भी अध्ययन कार्यक्रम पेश नहीं करेंगे, जो भारत के राष्ट्रीय हित या भारत में उच्च शिक्षा के मानकों को ख़तरे में डालता है.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को नंबर एक देश बना देगी.
महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि योजना के पहले चरण में मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रमों के शुरुआती दो वर्षों के लिए मराठी में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी. ये वैकल्पिक पाठ्यपुस्तकें मराठी माध्यम से आने वाले छात्रों के लिए होंगी ताकि वे पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से समझ सकें.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि 'इंडिया’ अपनी अखंडता के लिए जाना जाता है और ‘हिंदिया’ के नाम पर देश को विभाजित करने के उद्देश्य से कोई प्रयास नहीं होना चाहिए. केंद्र सरकार यह ग़लत धारणा थोप रही है कि केवल हिंदी ही भारत के लोगों को एकजुट कर सकती है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल में घोषणा की थी कि नए शैक्षणिक सत्र से भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्रों को एमबीबीएस का पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ाया जाएगा. हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि निर्णय की घोषणा करने से पहले पर्याप्त तैयारी नहीं की गई.