एल्गार परिषद मामले में लंबे समय से जेल में बंद सात कार्यकर्ताओं- सुरेंद्र गाडलिंग, हेनी बाबू, रोना विल्सन, सागर गोरखे और रमेश गाइचोर, सुधीर धवले और महेश राउत ने 18 अक्टूबर से अनशन शुरू किया है. बताया गया है कि मामले में पिछली तीन सुनवाई के दौरान उन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया.
गौतम नवलखा को 14 अप्रैल, 2020 को गिरफ़्तार किया गया था. शुरुआती वर्षों में वह जेल में रहे, हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें 10 नवंबर, 2022 से नवी मुंबई के घर में नज़रबंद रखा गया था.
मालेगांव बम विस्फोट में मुख्य आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के सोमवार को मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पेश न होने पर कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ वॉरंट जारी किया है. बताया गया है कि ठाकुर अदालत में पेश होकर क़ानूनी प्रक्रिया के अनुसार वॉरंट को रद्द करवा सकती हैं.
इस साल मार्च और जुलाई महीने में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमला किया गया था. कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाने के बीच एनआईए ने 10 खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें जारी कर इनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है, जिससे उनकी गिरफ़्तारी की जा सके.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस का सदस्य होने के आरोप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक 19 वर्षीय छात्र को गिरफ़्तार किया है. छात्र झारखंड के लोहरदगा ज़िले का रहने वाला है.
रूपेश कुमार सिंह की दोबारा गिरफ़्तारी को सालभर हो गया है और इस बीच उन्हें चार नए मामलों में आरोपी बनाया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पूरे एक पन्ने पर भारतीय जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई थी. भारत में भी ऐसी मांग उठाना ज़रूरी है.
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट नेता यासीन मलिक को बीते साल एक ट्रायल कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में विशेष तौर पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने के निर्देश दिए थे, ताकि अभियुक्तों और विचाराधीन कै़दियों के मानवाधिकारों की रक्षा हो और पारदर्शिता बनी रहे. लेकिन, केंद्र की सात जांच एजेंसी में से चार ने इस दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया.
जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में सेना के ट्रक पर हुआ आतंकी हमला. राष्ट्रीय राइफल्स के ये शहीद जवान आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात थे. 2019 के पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट के बाद से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के चलते वाहन पर हुआ यह सबसे घातक हमला है.
साल 2008 में नासिक ज़िले के मालेगांव में हुए बम धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और सौ से अधिक घायल हुए थे. इस मामले की सुनवाई एक विशेष एनआईए अदालत में चल रही है, जहां अब तक अभियोजन पक्ष के 30 गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं. भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर मामले के आरोपियों में से एक हैं.
इसी मामले में जेल में बंद कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ भी आरोपी हैं. 2020 में दर्ज राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एफ़आईआर में कश्मीर स्थित कुछ एनजीओ पर भारत विरोधी गतिविधियों को प्रायोजित करने के आरोप लगाए गए हैं.
राजस्थान के रहने वाले मानवाधिकार मामलों के वकील अंसार इंदौरी के आवास पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को छापेमारी की. यह छापा पिछले साल दर्ज हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया मामले से संबंधित है. इंदौरी ने सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के ख़िलाफ़ कई क़ानूनी लड़ाइयों का नेतृत्व किया है.
कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को 22 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था, तब से उनकी हिरासत को कई बार बढ़ाया जा चुका है. परवेज़ मानवाधिकार के क्षेत्र में दिए जाने वाले मार्टिन एनल्स अवॉर्ड, 2023 से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद करने का आदेश दिया था.
प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार तड़के राज्य पुलिस के सहयोग से शुरू हुई. कहा जा रहा है कि एनआईए को कई आतंकी गतिविधियों और हत्याओं में शामिल पीएफआई कैडर के ख़िलाफ़ विशेष इनपुट प्राप्त हुए थे.