सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह तक पत्रकार नविका कुमार के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है. यह मामला 26 मई को एक ‘टीवी डिबेट शो’ के दौरान पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी से संबंधित है. नविका कुमार ‘टाइम्स नाउ’ पर प्रसारित इस परिचर्चा की एंकर थीं, जिसमें भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने यह टिप्पणी की थी.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी ‘टाइम्स नाउ’ के प्राइम टाइम शो में की थी, जिसे नविका कुमार होस्ट कर रही थीं. इसे लेकर नविका के ख़िलाफ़ कई एफआईआर दर्ज हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भविष्य में दर्ज हो सकने वाली एफआईआर के संबंध में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दी है.
ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ 'टाइम्स नाउ' के प्राइम टाइम शो के दौरान टिप्पणी की थी, जिसे नविका कुमार होस्ट कर रही थीं. महाराष्ट्र के परभणी में दर्ज एफआईआर में नविका पर दुर्भावना से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
ट्विटर पर तीन हिंदू संतों- यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को कथित नफ़रत फैलाने वाला कहने पर ‘आल्ट न्यूज़’ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक जून को मामला दर्ज किया गया था. केस रद्द करने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में प्रतीत होता है कि ज़ुबैर ने अपराध किया है और मामले की जांच करने की ज़रूरत है.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने एक ट्वीट में हिंदुत्ववादी नेताओं- यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को 'घृणा फैलाने वाला' बताया था. इसे लेकर 'राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना' के ज़िला प्रमुख भगवान शरण की शिकायत पर यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ़ मामला दर्ज किया है.
रिपब्लिक टीवी की ओर से दिल्ली की एक अदालत में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दायर करते हुए कहा गया है कि वे अर्णब गोस्वामी से जलती हैं क्योंकि अर्णब ने टाइम्स नाउ से अलग होकर अपना चैनल शुरू किया और यह एक साल में ही अग्रणी चैनल बन गया.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में फिल्म इंडस्ट्री को बुरा भला कहने को लेकर समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी, उसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी, टाइम्स नाउ, उसके प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और समूह संपादक नविका कुमार और अज्ञात प्रतिवादियों के ख़िलाफ़ चार फिल्म एसोसिएशनों और 34 निर्माता संगठनों ने याचिका दाख़िल की है.