अवध क्षेत्र का दुर्भाग्य कि सूबे के रूप में उसे कुल साढ़े तीन सौ साल की उम्र भी नसीब नहीं हुई. यह और बात है कि इसी अवधि में उसने देश-दुनिया को ऐसी लासानी गंगा-जमुनी तहज़ीब दी, जिसकी महक है कि उसके दुश्मनों की तमाम कोशिशों के बावजूद जाती ही नहीं.
1856 में ईस्ट इंडिया कंपनी के अवध के नवाब वाजिद अली शाह को जबरन अपदस्थ कर निर्वासित किए जाने के बाद उनकी मां एक शिष्टमंडल के साथ ब्रिटेन की क्वीन विक्टोरिया से मिलने लंदन गई थीं. लेकिन विक्टोरिया ने मदद तो दूर, दस महीनों तक उनसे भेंट करना गवारा नहीं किया.