शीर्ष न्यायालय के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराए गए 68 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ जीवन भर किसी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे.
पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.