दिल्ली: बढ़ते कोविड मामलों के बीच मास्क फिर अनिवार्य, उल्लंघन पर 500 रुपये जुर्माना

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. इससे पहले हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारें भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले ज़िलों में यही नियम लागू कर चुकी हैं.

भाजपा शासित राज्यों में ही शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन हो रहेः उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार को निशाना बनाने से पहले भाजपा को देखना चाहिए कि उनके शासित राज्यों में क्या हो रहा है. उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दंगे तक हो गए.

एनआरसी नहीं, बेरोज़गार युवाओं, अशिक्षितों का रजिस्टर तैयार करने की ज़रूरत: प्रकाश राज

हैदराबाद में अभिनेता प्रकाश राज ने नागरिकता संशोधन क़ानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनआरसी के विरोध में हुई सभा के दौरान कहा कि सरकार चाहती है कि मौजूदा प्रदर्शन हिंसक हो जाए लेकिन प्रदर्शनकारियों को चाहिए कि वे ख़ुद को अहिंसक प्रदर्शनों तक ही सीमित रखें.

विरोध प्रदर्शन करने वाले 24 घंटे पहले आयोजन की सूचना दें: दिल्ली विश्वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन करने वाले आयोजकों को कार्यक्रम की जानकारी, वक्ताओं की सूची, प्रतिभागियों की अपेक्षित संख्या जैसी अन्य जानकारियां प्रस्तुत करनी होगी.

धुंध में डूबे एक शहर के नाम…

अंग्रेज़ी के कवि पीबी शैली की एक कविता में उनका नायक मरने के बाद जब नर्क पहुंचता है तो पाता है कि नर्क तो बिल्कुल लंदन जैसा है. जो कुछ भी लंदन में मिल सकता है वह सब वहां है. उसकी पहचान, उसकी बेतहाशा आबादी और धुआं... राजधानी है इसलिए वहां राजा है, न्यायालय है और जैसा कि राजधानियों में होता है ख़याली पुलाव के रूप में क्रांति की बातें हैं. एक सदी पहले लिखी गई इस कविता का यह

दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश धुआं-धुआं, प्रदूषण अत्यंत गंभीर और आपातकालीन श्रेणी में पहुंचा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 562 एफआईआर दर्ज किए और 323 लोगों को गिरफ़्तार किया. आग लगने से दो लोगों की मौत. कोर्ट ने रात आठ से 10 बजे के बीच पटाखे जलाने का आदेश दिया था.

दिल्ली के पुनर्विकास के लिए मिली पर्यावरणीय अनुमतियां कई सवाल खड़े करती हैं

परियोजना को मिली स्वीकृतियां स्पष्ट दिखाती हैं कि इसके लिए गुड गवर्नेंस के कई सिद्धांतों से समझौता किया गया है.

दिल्ली में हरे पेड़ों की कटाई का हल नए पौधे लगाना नहीं है

हरे पेड़ों को काटने के एवज में नए पेड़ लगाना ऐसी एजेंसियों का पसंदीदा हथियार है, जो समाज और पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान की कीमत पर भी विकास को बढ़ावा देना चाहती हैं. उनका मानना है कि पारिस्थितिकी बदलना शहरी विकास के वर्तमान तरीकों को बदलने से ज़्यादा आसान है.