राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें मिली कुल 30,957 शिकायतों में से 9,710 गरिमा से जीने के अधिकार से संबंधित थीं, इसके बाद 6,970 घरेलू हिंसा और 4,600 शिकायतें दहेज उत्पीड़न से संबंधित थीं. आयोग को मिली लगभग 54.5 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के बारे में कथित टिप्पणियों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के प्रमुख गोपाल इटालिया को तलब किया था. शुक्रवार को भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री की मां को ‘अपशब्द कहने की ‘आप’ को कीमत चुकानी होगी.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30,864 शिकायतों में से अधिकतम 11,013 सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं. इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,633 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,589 शिकायतें थीं.
जेएनयू की आंतरिक शिकायत समिति ने यौन उत्पीड़न पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया कि यौन उत्पीड़न से बचने के लिए महिलाओं को जानना चाहिए कि पुरुष दोस्तों के साथ कैसे दायरा बनाना है. छात्राओं के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इसे महिला-विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न को लेकर पॉक्सो के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को इससे बरी करते हुए कहा था कि ‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’ के बिना यौन हमला नहीं माना जा सकता है. शीर्ष अदालत ने इसे रद्द करते हुए कहा कि यौन हमले का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यौन मंशा है, त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं.
मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बीते शुक्रवार को एक महिला के साथ बलात्कार और उसके निजी अंगों में लोहे की छड़ डालने का मामला सामने आया था. शनिवार को महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जानकारी लेकर पुलिस को जांच में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है. वहीं, भाजपा ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की है.
इससे पहले भी ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ पैंगबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है. नरसिंहानंद तब चर्चा में आए थे, जब डासना मंदिर में पानी पीने के चलते एक नाबालिग मुस्लिम लड़के की बर्बर पिटाई की गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो व आईपीसी के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को पॉक्सो से बरी करते हुए कहा था कि स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के बिना नाबालिग बच्ची की छाती छूना यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस निर्णय को अपमानजनक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से इसे पलटने को कहा है.
बीते अक्टूबर में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी और बताया था कि इस दौरान राज्य में लव जिहाद के बढ़ रहे मामलों सहित कई मुद्दों पर बात हुई थी. अब एक आरटीआई के जवाब में आयोग ने कहा है कि वह इस तरह का कोई डेटा नहीं रखता है.
लड़कियों को बिना दिमाग का और भावुक फिसलन की शिकार माना जाता है और इसलिए उन पर निगाह और लगाम रखने की ज़रूरत है. लड़कियां ज़िंदा बम है और उनको फटने से बचाना सबसे बड़ा धार्मिक कर्तव्य. लगता है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष इसी कर्तव्य निर्वाह के पवित्र अभियान पर निकल पड़ी हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के मामलों में कथित तौर पर बढ़ोतरी समेत महिला सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ. इस बीच सोशल मीडिया पर उनके तमाम पुराने ट्वीट साझा किए जाने लगे, जो प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ थे.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और अभिनेत्री स्वरा भास्कर से स्पष्टीकरण मांगा है और ऐसे पोस्ट तत्काल हटाने और साझा करने से बचने को कहा है.
देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलने वाली 2,914 शिकायतों में से उत्तर प्रदेश में आधे से अधिक यानी कि 1,461 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद दिल्ली में 338 मामले दर्ज हुए.
स्टैंड अप कॉमेडियन अग्रिमा जोशुआ ने 2019 में एक एक्ट के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा अरब सागर में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति बनाए जाने पर जोक सुनाया था. शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने इस बारे में आपत्ति जताते हुए उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है.
आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सितंबर के बाद महिलाओं के ख़िलाफ़ हुए विभिन्न अपराधों की सर्वाधिक शिकायतें इस साल जून में दर्ज की गईं. इससे पहले लॉकडाउन में घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के मामले बढ़ने की बात सामने आई थी, जिसे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ग़लत बताया था.