राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मसूद अज़हर को दी थी क्लीनचिट: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 'विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन' की वेबसाइट पर प्रकाशित अजीत डोभाल के इंटरव्यू का स्क्रीनशॉट साझा किया. इसमें डोभाल कह रहे हैं कि मसूद अज़हर को आईईडी बम बनाना नहीं आता था, निशाना लगाना नहीं आता था और उसके रिहा होने के बाद जम्मू कश्मीर के पर्यटन में 200 फीसदी की वृद्धि हो गई.

मोदी सरकार में बदहाल हुई ग्रामीण अर्थव्यवस्था, यूपीए से भी ख़राब हाल

यूपीए सरकार की तुलना में बीते पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी दर में वृद्धि बहुत कम रही है और यह सिर्फ कृषि क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है.

आम चुनावों में पहली बार कश्मीर मुद्दे का पूरी तरह राजनीतिकरण होगा

पुलवामा हमले के बाद हालात ऐसे हैं कि भाजपा इसका राजनीतिक लाभ लेने के लोभ से बच ही नहीं सकती. नरेंद्र मोदी के लिए इससे बेहतर और क्या होगा कि नौकरियों की कमी और कृषि संकट से ध्यान हटाकर चुनावी बहस इस बात पर ले आएं कि देश की रक्षा के लिए सर्वाधिक योग्य कौन है?

मोदी सरकार के आख़िरी बजट में असंगठित मज़दूरों की पेंशन योजना एक और छलावा है

नरेंद्र मोदी सरकार की पिछली कई योजनाओं की तरह यह नई योजना भी दिखाती है कि लुटियन दिल्ली असली भारत की सच्चाई से कितनी दूर है.

ग्राउंड रिपोर्ट: क्या बक्सर में दो बच्चों की मौत ‘भूख’ से हुई है?

बिहार के बक्सर ज़िले के कोरानसराय गांव में धना देवी के दो बच्चों गोविंदा और एतवरिया की पिछले दिनों मौत हो गई. धना देवी का कहना है कि दोनों की मौत भूख के कारण हुई है, लेकिन प्रशासन इस दावे को खारिज करते हुए कह रहा है कि भूख नहीं बीमारी के कारण वे मरे हैं.

मोदी सरकार: तिलिस्म टूटने और मायाजाल बिखरने के चार साल

देश को बदलते-बदलते प्रधानमंत्री ख़ुद बदलकर मौनमोदी हो गए हैं. कथित गोरक्षक किसी को मार डालें, कोई बच्ची बलात्कारियों की वहशत का शिकार हो जाए या डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी रिकॉर्ड तोड़ दे, वे अपना मौन तभी तोड़ते हैं, जब उन्हें अपने मन की बात कहनी होती है.

मोदी सरकार के चार साल: झूठ और धर्मांधता की संस्कृति फैलाने के लिए सरकार जश्न मना सकती है

हर सरकार के दौर में एक राजनीतिक संस्कृति पनपती है. मोदी सरकार के दौर में झूठ नई सरकारी संस्कृति है. जब प्रधानमंत्री ही झूठ बोलते हैं तो दूसरे की क्या कहें. दूसरी संस्कृति है धर्मांधता की.

भाजपा शासित चुनावी राज्यों के लिए रेल बजट में ज़ोरदार बढ़ोतरी

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों के आवंटन में क्रमश: 906 प्रतिशत, 1,173 प्रतिशत और 567 प्रतिशत का इज़ाफ़ा किया गया है.

क्या मोदी सरकार का ‘इंडिया शाइनिंग’ पल आ चुका है?

1999 में एनडीए-1 ने 8% जीडीपी वृद्धि दर के साथ अपनी पारी की शुरुआत की थी, लेकिन बाद के तीन वित्तीय वर्षों के बीच जीडीपी वृद्धि दर में तेज़ गिरावट देखी गई. यही कहानी एनडीए-2 में भी दोहराई जा रही है.

भाजपा ने कारगिल के शहीदों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए किया

बहादुर सैनिकों की शहादत पवित्र श्रद्धांजलि की हक़दार है, लेकिन अगर सरकार ने हालात को ज़्यादा सक्षम तरीके से संभाला होता, तो शायद आज वे ज़िंदा होते.

मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं: नीतीश कुमार

बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता के दौरान 2019 में मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बात कही.

क्या मोदी ने मान लिया है कि नीतीश का डीएनए अब ठीक हो गया है?

कांग्रेस, राजद, बसपा, तृणमूल और सपा जैसे दलों को भ्रष्टाचार के घेरे में लेकर यह सिद्ध किया जा रहा है कि उनकी सारी धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार को ढंकने का एक आवरण है.