नेपाल के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करने वाले एक विधेयक में वैवाहिक आधार पर और गैर-दक्षेस देशों में रहने वाले अनिवासी नेपालियों को मतदान के अधिकार के बिना नागरिकता देने की बात कही गई है. संसद के दोनों सदनों द्वारा इसे दो बार पारित किया जा चुका है.
नेपाल की संसद ने बीते 13 जुलाई को देश का पहला नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किया था, जिस पर दो साल से अधिक समय से चर्चा चल रही थी, क्योंकि राजनीतिक दल इस पर आम सहमति बनाने में विफल रहे थे.