भारत में केरल के एक चिकित्सा केंद्र से सात मामले सामने आए हैं, जहां करीब 12 लाख लोगों को एस्ट्राज़ेनेका टीके दिए गए थे. भारत में इस टीके को कोविशील्ड कहा जाता है. ब्रिटेन के नॉटिंघम में इस प्रकार के चार मामले सामने आए हैं. गुलेन-बैरे सिंड्रोम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने तंत्रिका तंत्र के एक हिस्से पर हमला करती है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर स्थित तंत्रिकाओं का नेटवर्क है.
मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 2,30,000 से अधिक मरीज़ों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड पर शोध किया गया, जिससे पता चला कि कोरोना से उबर चुके तीन में से एक शख़्स को संक्रमण के छह महीने के भीतर मस्तिष्क संबंधी या मानसिक स्वास्थ्य विकारों का पता चला है.