जन गण मन की बात, एपिसोड 211: केंद्र के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव और केजरीवाल की माफ़ी

जन गण मन की बात की 211वीं कड़ी में विनोद दुआ टीडीपी द्वारा मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव और अरविंद केजरीवाल द्वारा बिक्रम सिंह म​जीठिया से माफ़ी मांगने पर चर्चा कर रहे हैं.

टीडीपी ने छोड़ा एनडीए का साथ, केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं. कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीएमसी, एनसीपी और सीपीएम ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया.

कौन हैं संजय निषाद, जिनकी निषाद पार्टी ने योगी को उनके गढ़ में मात दी

गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: गोरक्षपीठ को निषादों का बताने वाले संजय उन चंद लोगों में हैं, जो गोरखपुर में रहते हुए हिंदू युवा वाहिनी को दंगा करने वाला, मुसलमानों, दलितों, अति पिछड़ों और निषादों पर अत्याचार करने वाला ‘संगठित गिरोह’ बताते रहे हैं.

केजरीवाल की माफ़ी के बाद पार्टी में घमासान, भगवंत मान का पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा

अरविंद केजरीवाल के शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफ़ी मांगने के बाद सुखपाल सिंह खैरा और कुमार विश्वास सहित कई आप नेताओं ने निराशा ज़ाहिर की है.

भारत से ज़्यादा खुशहाल देश है पाकिस्तान: विश्व खुशहाली सूचकांक

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी सूचकांक में भारत 133वें पायदान पर है, जबकि पाकिस्तान 75वें पायदान पर है. सार्क देशों में अफगानिस्तान को छोड़ दिया जाए तो सभी देश भारत से अधिक खुशहाल हैं.

फाइव स्टार शैली में बने मुख्यालय की कहीं कोई चर्चा ही नहीं है

आप अपने राजनीतिक पत्रकारों और संपादकों से यह भी नहीं जान पाएंगे कि दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय पर चलने वाली पार्टी ने कई सौ करोड़ का मुख्यालय बनाया है, वो भीतर से कितना भव्य है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 210: वित्त विधेयक पर हंगामा और फ़रार कारोबारी

जन गण मन की बात की 210वीं कड़ी में विनोद दुआ वित्त विधेयक को लेकर सदन में हुए हंगामे और बैंकों का पैसा लेकर फ़रार हुए कारोबारियों पर चर्चा कर रहे हैं.

फ़र्ज़ी जन्मतिथि को लेकर बर्खास्त नेपाल के प्रधान न्यायाधीश पाराजुली ने दिया इस्तीफ़ा

नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र कांतिपुर डेली ने सिलसिलेवार आलेखों के ज़रिये कहा था कि पाराजुली ने विभिन्न आधिकारिक दस्तावेज़ों पर जन्म की पांच अलग-अलग तारीख़ें दी हैं.

योगी उत्तर प्रदेश को मठ की तरह चला रहे हैं, जैसा वे गोरखपुर को चलाते थे

गोरखपुर में मिली हार योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ा झटका है. भाजपा कार्यकर्ता उन्हें 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे थे, लेकिन अपनी सीट छोड़ो, वो अपना बूथ तक नहीं बचा पाए.