हरेन पांड्या हत्याकांड: नए सिरे से जांच संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

गुजरात में नरेंद्र मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे हरेन पांड्या की 26 मार्च, 2003 को अहमदाबाद में लॉ गार्डन इलाके में उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गई थी, जब वह सुबह की सैर कर रहे थे.

गुजरात के पूर्व मंत्री हरेन पांड्या हत्या मामले की नए सिरे से जांच के लिए याचिका

गैर सरकारी संग‍ठन सीपीआईएल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सामने आई कुछ नई जानकारियां डीजी वंज़ारा समेत कुछ आईपीएस अधिकारियों की पांड्या की हत्या की साज़िश में शामिल होने की संभावना बताती हैं.

क्यों हरेन पांड्या हत्याकांड मामले के शुरुआती जांच अधिकारी इसकी दोबारा जांच चाहते हैं

मुख्यमंत्री के बतौर नरेंद्र मोदी के 13 साल के कार्यकाल के दौरान हुईं अनसुलझी हत्याओं और मुठभेड़ों में हरेन पांड्या की हत्या कई मायनों में सबसे बड़ी पहेली है. इस मामले की दोबारा जांच किए जाने में जितनी देरी की जाएगी, इसके सुरागों के पूरी तरह से नष्ट हो जाने की संभावना बढ़ती जाएगी.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सभी 22 आरोपी बरी

सोहराबुद्दीन हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आधार चश्मदीद गवाह थे, जो अपने बयान से मुकर गए. नवंबर 2017 से शुरू हुई सुनवाई में 210 गवाहों की जांच की गई, जिनमें से 92 अपने बयान से पलट गए.

बुलंदशहर हिंसा: एनएचआरसी ने योगी सरकार और डीजीपी को नोटिस जारी किए

बुलंदशहर के स्याना गांव में बीते सोमवार को कथित गोकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.

फ़र्ज़ी मुठभेड़, पुलिस वैन से खींचकर व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या मामले में योगी सरकार को नोटिस

बीते 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के 20 वर्षीय युवक इरशाद अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी. बीते 26 नवंबर को शामली में राजेंद्र नामक युवक की पुलिस वैन से खींचकर हत्या कर दी गई थी.

अमित शाह का पीछा करती फ़र्ज़ी एनकाउंटर की ख़बरें और ख़बरों से भागता मीडिया

क्या अमित शाह कभी सोचते होंगे कि हरेन पांड्या की हत्या और सोहराबुद्दीन-कौसर बी-तुलसीराम एनकाउंटर की ख़बर ज़िंदा कैसे हो जाती है? अमित शाह जब प्रेस के सामने आते होंगे तो इस ख़बर से कौन भागता होगा? अमित शाह या प्रेस?

हरेन पांड्या और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर तक के राज़ जानने वाले आज़म खान को कौन मारना चाहता है?

द वायर एक्सक्लूसिव: एक मुख्य गवाह के बतौर आज़म खान गुजरात के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता हरेन पांड्या की हत्या से लेकर सोहराबुद्दीन शेख़ के एनकाउंटर से जुड़े कई राज़ जानते हैं. यही वजह है कि उन्हें अपनी जान पर ख़तरा नज़र आ रहा है.

एनकाउंटर में घायल जिम ट्रेनर को पांच लाख का मुआवज़ा दे उत्तर प्रदेश सरकार: मानवाधिकार आयोग

उत्तर प्रदेश के नोएडा में चेकिंग के दौरान एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर ने जिम ट्रेनर को गोली मार दी थी. आरोप है कि सब इंस्पेक्टर ने प्रमोशन की वजह से ऐसा किया था.

हाशिमपुरा नरसंहार: ‘भाई की मौत के ग़म में मां-बाप चल बसे और पति ने मुझे तलाक़ दे दिया’

हाशिमपुरा नरसंहार मामले में 31 साल बाद आया फैसला. गवाह ने आरोप लगाया कि नरसंहार के बाद पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पीड़ित लोगों को परेशान किया और कार्रवाई के नाम पर पक्षपात हुआ. इस केस को कमज़ोर करने की कोशिश की गई.

हाशिमपुरा नरसंहार: दिल्ली हाईकोर्ट ने बदला निचली अदालत का फ़ैसला, 16 पुलिसकर्मियों को उम्रक़ैद

1987 में उत्तर प्रदेश के हाशिमपुरा में 42 लोगों की हत्या के आरोप में दिए निचली अदालत के फ़ैसले को पलटते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 पीएसी जवानों को दोषी माना है.

रोहिंग्या के ख़िलाफ़ कार्रवाई मानवाधिकारों के नज़रिये से नहीं देखी जानी चाहिए: राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने कभी भी विदेशियों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है.

इसरो जासूसी मामले में षड्यंत्रकारी अलग-अलग थे, लेकिन पीड़ित एक ही तरह के लोग थे: नंबी नारायणन

पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन का कहना है कि इसरो जासूसी मामला 20 अक्तूबर 1994 को मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा की गिरफ्तारी के समय से ही झूठा था. उस समय नारायणन इसरो की क्रायोजनिक परियोजना के निदेशक थे.

इसरो जासूसी कांड में वैज्ञानिक की गिरफ़्तारी अनावश्यक थी: सुप्रीम कोर्ट

1994 में हुए इसरो जासूसी कांड में वैज्ञानिक नंबी नारायणन की ग़ैर-क़ानूनी गिरफ़्तारी के लिए सीबीआई ने केरल पुलिस के अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया था. शीर्ष अदालत ने इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच आदेश देते हुए केरल सरकार से नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है.

सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी मामले में मानवाधिकार आयोग का महाराष्ट्र सरकार को नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख को भी नोटिस जारी किया है. आयोग ने कहा है कि प्रतीत होता है कि पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी में नियमों का ठीक तरीके से पालन नहीं किया गया है. वहीं, गौतम नवलखा को महाराष्ट्र पुलिस ने दस्तावेजों की अनूदित प्रति उपलब्ध करा दी है.

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