विशेष रिपोर्ट: अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के संबंध में आरटीआई के तहत द वायर की ओर से मांगी गई जानकारी देने से भी गृह मंत्रालय ने मना कर दिया है.
याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस विधेयक को असंवैधानिक घोषित किया जाए क्योंकि ये संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
पद्मश्री से सम्मानित कॉर्डियोलॉजिस्ट उपेंद्र कौल कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के डॉक्टर हैं और उन्होंने मलिक को उनकी ब्लड रिपोर्ट के संबंध में कुछ टेक्स्ट मैसेज किए थे.
नया यूएपीए क़ानून सरकार को अभूतपूर्व शक्तियां देने वाला है, जो उसकी ताक़त के साथ ही उसकी जवाबदेही भी बढ़ाता है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व निर्दलीय विधायक राशिद इंजीनियर से बीते कुछ दिनों से कश्मीरी अलगाववादियों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद सहित पाकिस्तान से पैसे लेकर घाटी में तनाव फैलाने के संबंध में पूछताछ की जा रही थी.
यूएपीए संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने 42 के मुकाबले 147 मतों से मंज़ूरी दी. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि इस संशोधन विधेयक के ज़रिये एनआईए को और अधिक शक्तिशाली बनाने की बात कही गई है, लेकिन सच यह है कि इसके ज़रिये अधिक शक्तियां केंद्र सरकार को मिल रही हैं.
गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि पिछली सरकार ने हिंदू धर्म को आतंकवाद से जोड़ने के लिए असली दोषियों को छोड़ दिया था, यदि ऐसा है तो एनआईए उन्हें पकड़ने की दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है?
पाकिस्तान की एक महिला ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दाख़िल की याचिका. फरवरी 2007 में दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के मामले के चारों आरोपियों स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बीते मार्च महीने में अदालत ने बरी कर दिया था.
साल 2012 में पांच लोगों को लश्कर-ए-तैयबा आतंकी होने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. सात साल बाद इस हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा होने वाले उनमें से एक मोहम्मद इरफान गौस ने दावा किया है कि वह निर्दोष थे.
साल 2008 में मालेगांव बम धमाके के बाद घटनास्थल से दो बाइक और पांच साइकलों को जब्त किया गया था. आरोप है कि बम में आईईडी से विस्फोट किया गया था और इसे सुनहरे रंग की एलएमएल फ्रीडम बाइक में रखा गया था, जो ठाकुर के नाम पर पंजीकृत है.
हाईकोर्ट ने चार आरोपियों मनोहर नावरिया, राजेंद्र चौधरी, धन सिंह और लोकेश शर्मा को जमानत दी है. तीन साल पहले एनआईए ने लोकेश शर्मा और धन सिंह को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किया था.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से पिछले महीने लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर की एनआईए अदालत में यह पहली पेशी थी. बीते गुरुवार को स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह अदालत में पेश नहीं हुई थीं, लेकिन गुरुवार को ही उन्हें भोपाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया था.
भोपाल से भाजपा सांसद और मालेगांव बम धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश होना था लेकिन अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
क्या हम एक राष्ट्र के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह उम्मीद कर सकते हैं कि वो गोडसे के विचारों की निंदा करेंगे. क्या मोदी और भाजपा यह कह सकेंगे कि वो गोडसे की विचारधारा से सहमति नहीं रखते.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘यह बेहद निंदनीय है. हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. बापू राष्ट्रपिता हैं और लोग पसंद नहीं करेंगे अगर कोई इस तरह से गोडसे के बारे में बात करता है.’