करकरे पर प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर आईपीएस एसोसिएशन ने कहा- शहीदों के बलिदान का सम्मान होना चाहिए

आईपीएस एसोसिएशन ने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को 'श्राप' देने वाले बयान की निंदा की है.

हेमंत करकरे को मैंने कहा था तेरा सर्वनाश होगा: साध्वी प्रज्ञा

2008 में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर टिप्पणी करते हुए भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जब मैं वहां गई तो इसके सूतक लग गया, सवा महीने बाद जब इसे आतंकवादियों ने मारा, तब उसका अंत हुआ.

साध्वी प्रज्ञा को प्रत्याशी बना भाजपा देखना चाहती है कि हिंदुओं को कितना नीचे घसीटा जा सकता है

लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?

तीन घटनाएं, जो बताती हैं कि कश्मीर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है

भाजपा मतदाताओं को यह दिखाने के लिए कि वह आतंक पर सख़्त है, उस मौजूदा कश्मीर नीति से छेड़छाड़ कर रही है, जो अलगाववादियों के साथ सामंजस्य लाने के उद्देश्य से बनाई गई थी. एक ऐसी नीति, जो राज्य को बर्बादी की कगार से वापस लाई थी.

जब मुक़दमा चलानेवाले एनआईए जैसे हों, तो बचाव में वकील रखने की क्या ज़रूरत है

समझौता एक्सप्रेस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि अभियोजन कई गवाहों से पूछताछ और उपयुक्त सबूत पेश करने में नाकाम रहा इसलिए मजबूरन आरोपियों को बरी करना पड़ा. जब एनआईए जैसी शीर्ष जांच एजेंसी एक भयानक आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में इस तरह बर्ताव करती है, तो देश की जांच और अभियोजन व्यवस्था की क्या साख रह जाती है?

समझौता एक्सप्रेस मामले में क्यों एनआईए ने एक राजनीतिक विचारधारा के लिए अपनी साख दांव पर लगाई

भारत सरकार यूं तो कहती है कि आतंकवादी कहीं छिपा हो वह उसे निकाल लाएगी, लेकिन इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री का कहना था कि क्यों सरकार आगे की अदालत में इस फैसले के ख़िलाफ़ अपील करे? जिसे करना हो करे, सरकार क्यों करे? इससे क्या फायदा होगा?

समझौता एक्सप्रेस विस्फोट: अदालत ने कहा, सबूतों के अभाव में गुनहगारों को सजा नहीं मिल पाई

एनआईए अदालत के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में कहा, 'मुझे गहरे दर्द और पीड़ा के साथ फैसले का समापन करना पड़ रहा है क्योंकि विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्यों के अभाव की वजह से इस जघन्य अपराध में किसी को गुनहगार नहीं ठहराया जा सका.'

जम्मू-कश्मीर: पुलिस हिरासत में स्कूल प्रिंसिपल की मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

दक्षिणी कश्मीर के अवंतिपुरा में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए एक स्कूल प्रिंसिपल रिज़वान असद पंडित की मौत पर पुलिस ने मजिस्ट्रेट जांच कराने की बात कही है. परिजनों ने कहा, किसी जांच पर विश्वास नहीं.

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा- आतंकवाद के चलते कंप्यूटरों की निगरानी ज़रूरी

केंद्र सरकार ने कहा कि यह ज़रूरी है कि कानूनी इंटरसेप्शन (निगरानी) के अनुरोध का मामला कार्यपालिका अधिकारियों द्वारा देखा जाना चाहिए ताकि फैसले लेने में गति और तत्परता बरकरार रखी जा सके.

2014 से अब तक में कितनी बार फोन टैपिंग की गई, ये जानकारी नहीं दे सकते: गृह मंत्रालय

द वायर द्वारा दायर किए गए आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इस जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे देश हित प्रभावित होंगे, किसी व्यक्ति को ख़तरा हो सकता है या जांच की प्रक्रिया बाधित हो सकती है.

लोगों के कंप्यूटर की निगरानी के कारणों का खुलासा करने से केंद्र सरकार का इनकार

आरटीआई के ज़रिये उन सभी आधिकारिक रिकॉर्डों की कॉपी मांगी थी जिनमें 10 सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को किसी के भी कंप्यूटर में मौजूद डेटा को हासिल करने का अधिकार दे दिया गया है.

इंटेलीजेंस ब्यूरो का काम ही भारत के सत्ताधीशों की भारतीयों से हिफ़ाज़त करना रहा है

1887 में ब्रिटिश राज द्वारा बनाए गए इंटेलीजेंस ब्यूरो को भारतीय क़ानून के तहत कोई अधिकार प्राप्त नहीं है. इसे आधिकारिक रूप से 'एक नागरिक संगठन बताया जाता है, जिसके पास पुलिस जैसी शक्तियां नहीं हैं.'

सुप्रीम कोर्ट ने 10 एजेंसियों को निगरानी की इजाजत वाले फैसले पर मोदी सरकार को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद की जाएगी. उसी समय इस याचिका पर विचार किया जाएगा कि क्या गृह मंत्रालय के इस आदेश पर रोक लगाया जा सकता है या नहीं.

मीडिया बोल, एपिसोड 80: अमरोहा के ‘आतंकी’, नोएडा के नमाज़ी और मेघालय के खान-मज़दूर

मीडिया बोल की 80वीं कड़ी में उर्मिलेश नोएडा में पुलिस ने पार्क में नमाज़ पढ़ने पर रोक, अमरोहा में पकड़े गए कथित आतंकी और मेघालय की खदान में फंसे मज़दूरों पर इंडियन एक्सप्रेस के सीनियर असिस्टेंट एडिटर दीप्तिमान तिवारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्‍मद आमिर से चर्चा कर रहें हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया

राज्य में बस्तर क्षेत्र के झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी.

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