एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री द्वारा गोला-बारूद की गुणवत्ता पर ठीक से ध्यान नहीं दिए जाने पर गंभीर चिंता ज़ाहिर की है.
सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि ऐसा मानना सही नहीं है कि अगर कुछ लोग आए और हमला किया तो इसके लिए देश के हर एक नागरिक को ज़िम्मेदार ठहराया जाए.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के जिस प्रशिक्षण शिविर को हवाई हमले में निशाना बनाने का दावा किया है वहां की अप्रैल 2018 में ली गई सेटेलाइट तस्वीर और 4 मार्च 2019 की सेटेलाइट तस्वीर में कोई भी अंतर नहीं दिख रहा है.
सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान मसूद अज़हर के खिलाफ कदम उठाएगा अगर उसके खिलाफ अदालत के सामने रखे जाने लायक सबूत पेश किए जाएं.
पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने कहा कि बालाकोट में जो भी हुआ उसे पर्यावरणीय आतंकवाद ही कहा जाएगा. एयर स्ट्राइक की वजह से उस इलाके में दर्जनों पेड़ों को नुकसान पहुंचा है और गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के आधिकारिक बयान में कहा गया कि बुधवार को पाकिस्तानी वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में रहते हुए नियंत्रण रेखा के पार हमला किया जिसका मक़सद अपने हक़ और आत्मरक्षा की क्षमता को दिखाना था.
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा ने कहा कि यह हमला कोई सैन्य कार्रवाई नहीं था बल्कि ऐहतियातन उठाया गया कदम था, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. इस आतंकी शिविर का चयन यह ध्यान में रखते हुए किया गया था कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.
पूर्व-अर्धसैनिक बलों के कल्याण संघों के महासचिव रणबीर सिंह कहते हैं कि सेना के किसी निचले रैंकिंग के सैनिक का वेतन उसी रैंकिंग के सीआरपीएफ सैनिक के वेतन से 50 फीसदी अधिक होता है और इसका असर पेंशन पर भी पड़ता है.
एक फरवरी को दुर्घटनाग्रस्त हुए मिराज-2000 विमान में स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी की मौत हो गई थी. एक याचिका में दुर्घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत की निगरानी में समिति बनाने की मांग की गई थी.
एक फरवरी को बेंगलुरू में हुई विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले दो पायलटों में से एक स्क्वॉड्रन लीडर समीर अबरोल के भाई सुशांत ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि वक़्त आ गया है कि हम सिर्फ वोट खोने की परवाह न करें, बल्कि उन पायलटों की भी परवाह करें जो इस भ्रष्ट व्यवस्था की लापरवाही के चलते शहीद हुए हैं.
एक केंद्रीय मंत्री जिसे इस वक़्त पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों को कम करने के लिए प्रयासरत होना चाहिए था तो वह विरोधी पक्ष के एक नेता के ज़मानत के दिन गिन रहा है. उनकी भाषा ट्रोल की तरह हो गई है.
नीरव मोदी जी, भारत आने से न डरें. आपकी रिश्तेदारी ही इस कमाल की है कि हाथ लगाने में हुज़ूर के हाथ कांप जाएंगे.
गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी हैं जिनका नाम साल 2015 में मुंबई में सोने का सिक्का लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री बड़े प्यार से ले रहे थे, ‘हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं.’ अभी तक प्रधानमंत्री के ये ‘हमारे मेहुल भाई’ गिरफ़्तार नहीं हुए हैं.