नीति आयोग के बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक के अनुसार, बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या सर्वाधिक है, जिसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है. बाल और किशोर मृत्यु दर के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे नीचे है, इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश हैं.
नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़िला अस्पतालों को प्रति एक लाख आबादी पर कम से कम 22 बिस्तर की सिफ़ारिश की गई है. हालांकि 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ज़िला अस्पतालों में बिस्तरों की औसत संख्या 22 से कम थी. इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्य शामिल हैं. पुदुचेरी में सर्वाधिक औसतन 222 बिस्तर और बिहार में सबसे कम छह बिस्तर उपलब्ध हैं.
देश के ज़िला अस्पतालों की प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट जारी करने के बाद नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि सेहतमंद समाज के निर्माण में ऐसे अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो बड़ी आबादी की स्वास्थ्य सेवा की ज़रूरतों को पूरा करते हैं. हालांकि उनकी अहम भूमिका के बावजूद दुर्भाग्य से कुछ कमियां भी हैं.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बैठक में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि अनलॉक करने की गतिविधियों से कोविड मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि फिलहाल संक्रमण दर सबसे कम है. वहीं, आईसीएमआर के डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण के प्रयास तेज़ किए जाने चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्राप्त रिकॉर्ड बताते हैं कि 2019 में वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने देश के छह हवाई अड्डों की बोली प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई थी कि एक ही कंपनी को छह हवाई अड्डे नहीं दिए जाने चाहिए.
जैसे आर्थिक नीतियों को देशवासियों के बजाय कॉरपोरेट के लिए उदार बनाने की प्रक्रिया को उदारवाद का नाम दिया गया और देश के संसाधनों की लूट की खुली छूट देने को विकास के लिए सुधार कहा जाता है, क्या वैसे ही अब सारी अलोकतांत्रिकताओं को लोकतंत्र कहा जाने लगेगा?
एक ऑनलाइन कार्यक्रम में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश में कड़े सुधार नहीं ला सकते क्योंकि यहां ‘बहुत ज़्यादा लोकतंत्र’ है. उनके इस बयान से मुकरने के बाद कुछ मीडिया संस्थानों ने इस बारे में प्रकाशित की गई ख़बर हटा ली, हालांकि सामने आए कुछ वीडियो में वे ऐसा कहते नज़र आ रहे हैं.
रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए यह पहला क़दम है. रेलवे ने कहा कि इससे निजी क्षेत्र से क़रीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि रेल ग़रीबों की एकमात्र जीवन-रेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है. जनता इसका क़रारा जवाब देगी.
केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि कॉरपोरेट कर में कटौती के ज़रिये दिए गए प्रोत्साहनों से अर्थव्यवस्था में जल्द प्रभाव होने का अनुमान है. भारत में नए निवेश से न केवल नई नौकरियां सृजित होने का अनुमान है बल्कि इससे आय में भी बढ़ोतरी होगी.
इस नई स्वास्थ्य प्रणाली में उनको शामिल नहीं किया जाएगा जो आयुष्मान भारत योजना के दायरे में हैं. हाल में शुरू इस योजना के दायरे में कुल आबादी का 40 प्रतिशत आता है.
नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत द्वारा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव को लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक अधिकार प्राप्त समूह गठित किया जाएगा.
इस रिपोर्ट को नीति आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्व बैंक ने संयुक्त रूप से जारी किया है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कंपनी कर में दी गई छूट से उच्च वृद्धि हासिल होगी और कर संग्रह बढ़ेगा जिससे नुकसान की भरपाई हो जाएगी.
राज्यों के जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने की परियोजना का वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के साथ मध्य प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने कड़ा विरोध किया था. कई अन्य राज्यों ने भी राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने से पहले विस्तृत अध्ययन कराने की मांग की थी.
विशेष रिपोर्ट: पोत परिवहन मंत्रालय को यह चेताया गया था कि व्यापक विचार-विमर्श के बिना किसी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करना सही नहीं होगा. इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित करने पर न सिर्फ केंद्र सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ेगा बल्कि पर्यावरण को भी गहरा नुकसान होगा, जिसकी भरपाई मुश्किल है.