नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत भले ही दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन हमारी प्रति व्यक्ति आय फ्रांस के मुकाबले 20 गुना कम है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मुंबई पानी में डूबी है. दिल्ली में पानी नहीं है. शिमला में भी पानी नहीं है. सरकार की रिपोर्ट कहती है कि यमुना में साफ पानी की संभावनाएं हैं, लेकिन यमुना ही नहीं बची है.
नीति आयोग की ताज़ा रपट तक में कहा गया है कि आधे से ज़्यादा देशवासी या तो प्यासे हैं या दूषित पानी पीने को अभिशप्त. गांवों में यह समस्या इस अर्थ में और विकट है कि वहां 84 प्रतिशत ग्रामीण इसकी ज़द में हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जाएगी और देश की जीडीपी में छह प्रतिशत की कमी देखी जाएगी.
अमिताभ कांत ने कहा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के हाल बेहाल हैं. यही वे क्षेत्र हैं जिनमें भारत पिछड़ रहा है. पांचवीं कक्षा का छात्र दूसरी कक्षा के जोड़-घटाव नहीं कर पाता है. शिशु मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है.
नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, 'शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात की उपलब्धियां उसकी अन्य क्षेत्रों की उपलब्धियों की तरह नहीं हैं.'
पीएमओ ने नीति आयोग से खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की व्यावहारिकता परखने को कहा था. आयोग दे चुका है विनिवेश की सलाह.
यदि सरकारों ने बच्चों की प्रारंभिक देखरेख और सुरक्षा पर ध्यान दिया होता, तो आज राखी, मीनू और सीता ज़िंदा होतीं.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम बेरोज़गारी से परेशान हैं. संभवत: यह बेरोज़गारी नहीं बल्कि अल्प रोज़गार या असंतोषजनक रोज़गार का मामला है.’
21 बड़े राज्यों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले केरल को 76.55 अंक मिले जबकि अंतिम पायदान पर रहे उत्तर प्रदेश को 33.69 अंक ही मिले जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में न्यूनतम हैं.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, आने वाले समय में वित्तीय लेन-देन के लिए लोग अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करेंगे.
नीति आयोग से जुड़ी संस्था का कहना है, 'रोज़गार की समस्या बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के उपयोग और उपयुक्त कौशल की कमी की वजह से है.'
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, अधिक रोज़गार सृजन की ज़रूरत है लेकिन निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होना चाहिए.
आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तीन साल के न्यूनतम स्तर पर, नीति आयोग को है सुधार की उम्मीद.
नीति आयोग ने सिफारिश की है कि इस बात संभावना तलाशनी चाहिए कि क्या निजी क्षेत्र प्रति छात्र के आधार पर सार्वजनिक वित्त पोषित सरकारी स्कूल को अपना सकते हैं.