राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ ज़िलों में दोबारा लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है. तत्काल आदर्श स्थिति बनाई जाए.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मस्जिदों को लाउडस्पीकर पर अजान देने से रोकने का आदेश देने से इनकार करते हुए अधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण और लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध के बारे में नियमों को लागू करने का निर्देश दिया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों आदेश दिया था कि सभी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर कम आवाज़ में बजाए जाएं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. योगी आदित्यनाथ के आदेश को उनके राजनीतिक करिअर के अगला क़दम माना जा रहा है, जो कि दिल्ली है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के निवासी इरफ़ान द्वारा दायर एक याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. इस याचिका में ज़िला प्रशासन के दिसंबर 2021 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत मस्जिद में अज़ान के समय लाउडस्पीकर का उपयोग करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.
प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 2018 का एक सरकारी आदेश है, ध्वनि डेसिबल की तय सीमा और अदालत के निर्देशों के लिए निर्धारित नियम हैं. ज़िलों को अब सख़्ती से इसका अमल करने का निर्देश दिया गया है. बीते हफ्ते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा की आज़ादी है, लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज़ परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए.
ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर असफल रहने पर उच्च न्यायालय ने योगी सरकार से कड़ी नाराज़गी जताई थी.