नगालैंड के राज्यपाल आरएन रवि नगा समूहों के साथ चल रही शांति वार्ता में केंद्र की ओर से वार्ताकार की भूमिका में भी हैं. बीते एक साल में कई बार नगा समूहों और कार्यकर्ताओं की ओर से उन पर शांति वार्ता को बेपटरी करने की कोशिश करने के आरोप लगाए गए हैं.
मामला दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके का है. मणिपुर के पत्रकार रोनेंद्र सिंह सपम ने अपनी शिकायत में कहा है कि पूरी तरह तैयार हुए बिना और साज-सज्जा के बग़ैर फ्लैट देने पर बिल्डर के ख़िलाफ़ जब उन्होंने आवाज उठाने की कोशिश की, तब उनके पड़ोसियों ने उन्हें धमकी दी और उत्पीड़न किया.
नगा संगठन एनएससीएन-आईएम ने कार्बी-आंगलोंग स्वायत्त प्रादेशिक परिषद को अंतिम रूप देने की केंद्र और असम सरकार की प्रस्तावित योजना को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह असम में रेंगमा नगाओं की पैतृक भूमि को अलग करती है. उन्होंने यह भी कहा कि यह भारत सरकार और उनके संगठन के बीच हुई नगा शांति वार्ता का महत्वपूर्ण एजेंडा भी है, जिस पर अंतिम निर्णय लंबित है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि संघर्ष विराम समझौतों को एक साल के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जो एनएससीएन/एनके और एनएससीएन/आरके साथ 28 अप्रैल 2021 से 27 अप्रैल 2022 तक तथा एनएससीएन/के-खांगो के साथ 18 अप्रैल 2021 से 17 अप्रैल 2022 तक प्रभावी रहेगा.
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को वोटों के लिए समाज को विभाजित करने वाला भाजपा का राजनीतिक हथियार बताया है. गोगोई ने कहा कि विधानसभा चुनाव में असम की पहचान और विकास दोनों दांव पर हैं. असम में पार्टी के सत्ता में आने पर सीएए को लागू करने नहीं दिया जाएगा.
नगालैंड के राज्यपाल और नगा शांति वार्ता के मध्यस्थ आरएन रवि ने फरवरी में विधानसभा में कहा कि नगा राजनीतिक मुद्दे पर बातचीत ख़त्म हो चुकी है और अब अंतिम समाधान की ओर बढ़ने की ज़रूरत है. नगा समूह ने वार्ता पूरी होने से इनकार करते हुए कहा है कि मध्यस्थ के रूप में रवि की भूमिका निराशाजनक है.
असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों में पिछले साल 12 दिसंबर को पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसे काला दिवस कहते हुए 18 संगठनों ने क़ानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए राज्य के मूल निवासियों की पहचान, भाषा और सांस्कृतिक धरोहर के ख़िलाफ़ है.
अक्टूबर में नगालैंड के सबसे प्रभावशाली नगा संगठन एनएससीएन-आईएम के प्रमुख ने कहा था कि भारत सरकार के साथ चल रही शांति वार्ता में उनका संगठन अलग झंडे और संविधान की मांग पर कोई समझौता नहीं करेगा.
उत्तर पूर्व के सभी उग्रवादी संगठनों के अगुवा एनएससीएन-आईएम ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत सरकार को बड़ी संवेदनशीलता के साथ स्थिति को संभालना चाहिए और भारतीय सुरक्षा बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को एनएससीएन के खिलाफ अभियान चलाने के लिए नहीं उकसाना चाहिए. हमारे धैर्य को हमारी कमजोरी या लाचारी नहीं समझना चाहिए.
विशेष: द वायर के साथ बातचीत में एनएससीएन-आईएम के प्रमुख टी. मुइवाह ने दोहराया कि भारत सरकार के साथ चल रही शांति वार्ता में उनका संगठन अलग झंडे और संविधान की मांग पर कोई समझौता नहीं करेगा.
प्रतिबंधित होने से पहले उल्फा के ब्रिटेन से मदद मांगने का खुलासा ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्स द्वारा कुछ गोपनीय दस्तावेजों को हाल में सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है. उल्फा के तत्कालीन तीन शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद बांग्लादेश में ब्रिटिश राजनयिक डेविड ऑस्टिन ने एक पत्र लिख ब्रिटेन को बताया था कि उल्फा इजरायल से प्रभावित है.
नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हुईं और केंद्र ऐसा समाधान निकालने के लिए आवश्यक क़दम उठा रहा है, जो सभी को स्वीकार्य हो.
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के 10 बॉटलिंग संयंत्रों में सिलेंडर की ढुलाई और आपूर्ति प्रभावित हुई है और आने वाले दिनों में वितरकों की खुदरा बिक्री भी प्रभावित होने की आशंका है.
पूर्वोत्तर मामलों के भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार राम माधव ने आरोप लगाया है कि पिछले दिनों राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस जो आरोप भाजपा पर लगा रही थी, दरअसल वही सारे काम वह मणिपुर में भाजपा नीत एन. बीरेन सिंह सरकार को गिराने के लिए कर रही थी.
केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल सबसे बड़े नगा संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुईवाह ने 2015 में सरकार के साथ हुए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट की प्रति सार्वजनिक करते हुए कहा कि वार्ताकार आरएन रवि नगा राजनीतिक मसले को संवैधानिक क़ानून-व्यवस्था की समस्या का रंग दे रहे हैं.