उमर ख़ालिद की ज़मानत बार-बार ख़ारिज होने की क्या वजह है

उमर ख़ालिद की ज़मानत ख़ारिज करने के फ़ैसले में अदालत यह कबूल कर रही है कि बचाव पक्ष के वकील पुलिस के बयान में जो असंगतियां या विसंगतियां दिखा रहे हैं, वह ठीक है. लेकिन फिर वह कहती है कि भले ही असंगति हो, उस पर वह अभी विचार नहीं करेगी. यानी अभियुक्त बिना सज़ा के सज़ा काटने को अभिशप्त है!

दिल्ली दंगा: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को ज़मानत देने से अदालत का इनकार

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा की साज़िश रचने के आरोप में ग़ैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया था. फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी के समर्थन और विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी.

असम: नागरिकता मामले में निधन के छह साल बाद विदेशी न्यायाधिकरण ने मृतक को नोटिस भेजा

असम के कछार ज़िले में उधारबंद के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामा चरण दास के ख़िलाफ़ 2015 में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मई 2016 में उसकी मृत्यु हो गई थी. परिवार ने इस संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया था और उसी साल सितंबर में इसी अधिकरण के सदस्य ने दास का मामला बंद कर दिया था.

कोर्ट ने राजद्रोह के आरोप तय करने को चुनौती देने वाली शरजील की याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा

जेएनयू के छात्र शरजील इमाम ने 24 जनवरी के निचली अदालत के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उसके ख़िलाफ़ राजद्रोह के तहत आरोप तय किए गए थे. आरोप है कि उन्होंने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए भाषणों में कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी. 

दिल्ली दंगे: उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, 14 मार्च को अदालत सुनाएगी फैसला

यूएपीए के तहत अक्टूबर 2020 में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को गिरफ़्तार किया था. यूएपीए के साथ ही इस मामले में उनके ख़िलाफ़ दंगा करने और आपराधिक साजिश रचने के भी आरोप लगाए गए हैं. जून 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और इक़बाल आसिफ़ तन्हा को ज़मानत दे दी थी.

सीएए प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ वसूली नोटिस वापस ले यूपी सरकार या हम इन्हें रद्द कर देंगे: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2019 में सीएए के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह कार्यवाही उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित क़ानून के विरुद्ध है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.

असम में नागरिकता साबित करने की लड़ाई लड़ रहे 60 वर्षीय व्यक्ति मृत पाए गए

असम के मोरीगांव ज़िले का मामला. 60 वर्षीय माणिक दास दिसंबर 2019 से विदेशी न्यायाधिकरण में नागरिकता साबित करने की क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, जबकि उनका नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल था. उनके परिवार ने कहा कि मुक़दमे उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी, जिससे उन्होंने आत्महत्या कर ली.

असमः हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फॉरेन ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित महिला को नागरिकता दी

19 सितंबर 2017 को फॉरेन ट्रिब्यूनल-6 ने असम में कछार ज़िले के सोनाई के मोहनखल गांव की 23 वर्षीय सेफाली रानी दास को सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने के बाद विदेशी घोषित कर दिया था. महिला के हाईकोर्ट का रुख़ करने के बाद उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का एक और मौका दिया गया था.

सीएए विरोधी प्रदर्शन: अदालत ने शरजील इमाम के ख़िलाफ़ राजद्रोह के आरोप तय किए

शरजील इमाम पर आरोप है कि सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए भाषणों में असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी.

असम: पासपोर्ट कार्यालय ने मंत्री के ख़िलाफ़ चुनाव लड़े कार्यकर्ता की नागरिकता ‘संदिग्ध’ बताई

पिछले विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल से चुनाव लड़ने वाले अधिकार कार्यकर्ता प्रणब डोले की नागरिकता को पुलिस ने पासपोर्ट रिन्यूअल प्रक्रिया के तहत अपनी सत्यापन रिपोर्ट में ‘संदिग्ध’ क़रार दिया है. डोले ने दावा किया कि यह उन्हें चुप कराने का हथकंडा है क्योंकि वे अक्सर भाजपा नीत सरकार के ख़िलाफ़ बोलते हैं.

जामिया में पुलिसिया हिंसा के दो साल: ‘आंदोलनकारी विक्टिम नहीं, फाइटर थे’

वीडियो: बीते 15 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसा की गई थी. विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा था. छात्रों को लाइब्रेरी में पीटा गया और लाइब्रेरी में भी तोड़-फोड़ की गई थी. इस हिंसा के दो साल पूरे होने पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उस दिन को अभिव्यक्ति, आंदोलन और लोकतंत्र पर हमले के तौर पर याद किया गया.

पिछले पांच सालों में छह लाख से अधिक हिंदुस्तानियों ने छोड़ी भारतीय नागरिकता: केंद्र

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक़, साल 2016 से 2020 के दौरान 4,177 विदेशी व्यक्तियों को भारत की नागरिकता दी गई है.

असमः हाईकोर्ट ने कछार के परिवार को ‘विदेशी’ घोषित करने का फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल का आदेश रद्द किया

असम के एक विदेशी न्यायाधिकरण ने कछार ज़िले के एक परिवार के पांच सदस्यों को अप्रैल 2018 में दिए एकतरफा आदेश में विदेशी घोषित कर दिया था. गौहाटी हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को यह सिद्ध करने के लिए अवसर दिया जाना चाहिए कि वे भारतीय हैं न कि विदेशी.

यूपी: सीएए-एनआरसी पर आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के चार आरोपियों पर चलेगा मुक़दमा

उत्तर प्रदेश सरकार ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मेरठ पुलिस को मंज़ूरी दी है. यह मामला 26 जनवरी 2020 का है, जब पुलिस ने मेरठ स्थित लालकुर्ती के विभिन्न इलाकों में आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ सीएए और एनआरसी के पोस्टर को लेकर चेतावनी जारी की थी. इन चारों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन ज़मानत मिलने के बाद वे छूट गए थे.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यकों पर कथित हमले पर त्रिपुरा सरकार से रिपोर्ट मांगी

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.

1 2 3 4 5 28