जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व नेता उमर ख़ालिद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में बीते सितंबर महीने में गिरफ़्तार किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन दिन से दांत दर्द की शिकायत के बाद भी तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोई इलाज मुहैया नहीं कराया है.
साल हुआ, संसद ने एक झूठ पर मुहर लगाई. एक साल झूठ का, धोखाधड़ी, क्रूरता और हिंसा का. एक साल सच्चाई का, ईमानदारी, सद्भाव और अहिंसा का.
बीएसएफ और एनसीआरबी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले चार वर्षों में भारत छोड़ते हुए पकड़े गए बांग्लादेश के नागरिकों की संख्या अवैध तरह से देश में प्रवेश करने वालों की संख्या से दोगुनी रही है.
असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे. अब एनआरसी समन्वयक हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर एक हलफ़नामे में कहा है कि वह सप्लीमेंट्री सूची थी और उसमें 4,700 अयोग्य नाम शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण के मतदान से पहले एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश से बाहर करने की फालतू बातों का दुष्प्रचार किया जा रहा है.
एक महिला को असम के नलबाड़ी ज़िले की विदेशी अधिकरण ने साल 2019 को विदेशी घोषित किया था, उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एनआरसी के राज्य समन्वयक से एक विस्तृत हलफ़नामा दायर करने का कहा है.
31 अगस्त 2019 को जारी हुई असम एनआरसी की अंतिम सूची में 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19 लाख से अधिक लोगों के नाम नहीं आए थे. ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी से बाहर किए गए 19 लाख लोगों में से कई वास्तविक भारतीय नागरिक हैं.
पुस्तक समीक्षा: विश्लेषकों की निगाह में भारत अधिनायकवाद के स्याह गर्त में जाता दिख रहा है और विभाजक राजनीति के लगातार वैधता हासिल करने को लेकर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं. प्रख्यात शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता राम पुनियानी की नई किताब इस बहस में एक नया आयाम जोड़ती है.
एनआरसी असम के समन्वयक हितेश देव शर्मा ने सभी उपायुक्तों और नागरिक पंजीयन के जिला पंजीयकों को लिखे पत्र में कहा है कि फाइनल सूची में घोषित विदेशी, डी वोटर्स और विदेशी न्यायाधिकरण में लंबित श्रेणियों के लोगों के नाम हैं और इनकी पहचान कर इन्हें डिलीट किया जाए.
असम की पूर्व मुख्यमंत्री सैयदा अनवरा तैमूर दिसंबर 1980 से लेकर जून 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रही थीं. चार बार विधायक रहने के साथ ही वह राज्यसभा सदस्य भी थीं. पूर्व मुख्यमंत्री बीते कुछ सालों से अपने बेटे के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही थीं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया कि असम में विदेशी नागरिकों से जुड़े मामलों का निस्तारण करने वाले न्यायाधिकरण के समक्ष ‘डाउटफुल वोटर्स’ के 83,008 मामले लंबित हैं.
अप्रैल 2019 में बिश्वनाथ ज़िले के 48 वर्षीय शौक़त अली को भीड़ ने उनकी दुकान पर पका हुआ गोमांस बेचने के आरोप में पीटा था और सुअर का मांस खिलाया था. एनएचआरसी ने असम सरकार को अली के मानवाधिकार उल्लंघन के लिए एक लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया है.
धर्म के आधार पर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से पहले राज्य सरकार सीमाई ज़िलों में एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों की दर को लेकर कई बार नाख़ुशी ज़ाहिर कर चुकी है.
एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.
बीते साल ऑक्सीजन हादसे की विभागीय जांच में दो आरोपों में मिली क्लीनचिट के बाद डॉ. कफ़ील ख़ान की बहाली की संभावनाएं बनी थीं, लेकिन सरकार ने नए आरोप जोड़ते हुए दोबारा जांच शुरू कर दी. मथुरा जेल में रिहाई के समय हुई हुज्जत यह इशारा है कि इस बार भी हुकूमत का रुख़ उनकी तरफ नर्म होने वाला नहीं है.