भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा और आरएसएस ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी पदाधिकारियों को शामिल करते हुए एक धार्मिक समारोह को सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में बदल दिया है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और कर्ण सिंह को परिषद के सदस्य पद से हटाते हुए पिछले साल नवंबर में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी का पुनर्गठन किया था.
देश के उच्च संस्थानों के प्रमुख पदों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चहेते नौकरशाहों को जगह दी हुई है और गुजरात के इन 'मोदीफाइड' अफ़सरों को केंद्र में लाने के लिए अक्सर नियमों को ताक पर रखा गया है.