भाजपा के पूर्व सांसद के सोशल मीडिया अभियान के बाद एनएसडी में ‘तमस’ का प्रदर्शन स्थगित

विभाजन और सांप्रदायिक राजनीति पर आधारित भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया अभियान की शुरुआत भाजपा के पूर्व सांसद बलबीर पुंज के एक मैसेज से हुई, जिसमें उन्होंने साहनी को वामपंथी बताते हुए दावा किया था कि तमस में सांप्रदायिक हिंसा के लिए ‘प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से’ आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराया गया था.

एनएसडी ने रंग महोत्सव में उत्पल दत्त के नाटक को आमंत्रित करने के बाद मंचन से इनकार किया

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने फरवरी माह में होने वाले अपने ‘भारत रंग महोत्सव’ में विख्यात नाटककार और अभिनेता उत्पल दत्त द्वारा लिखित ‘तितुमीर’ नाटक को मंचन के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन अब आमंत्रण को वापस ले लिया है. नाटक के निर्देशक का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि नाटक के मुख्य किरदार स्वतंत्रता सेनानी ‘तितुमीर’ मुसलमान हैं.

एनएसडी में स्थायी निदेशक, फैकल्टी की मांग और अन्य समस्याओं को लेकर छात्र धरने पर

नई दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र बीते 3 अक्टूबर से धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति की जाए, जो बीते चार सालों से नहीं हुई है. उनका यह भी कहना है कि फैकल्टी के अभाव में कई-कई दिनों तक कक्षाएं नहीं हो पा रही हैं, इसलिए स्थायी फैकल्टी भी नियुक्त हो.

भाजपा के पूर्व सांसद और अभिनेता परेश रावल राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष नियुक्त

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का अध्यक्ष पद साल 2017 से ख़ाली था. इस पद पर परेश रावल की​ नियुक्ति चार वर्षों के लिए की गई है.

दिग्गज रंगकर्मी और एनएसडी के पूर्व निदेशक इब्राहिम अल्काज़ी का निधन

इब्राहिम अल्काज़ी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में सबसे लंबे समय तक निदेशक के पद पर रहे. उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं. इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी आदि शामिल हैं.

क्या थियेटर ओलंपिक्स के नाम पर एनएसडी ‘नाटक’ ​करने वाला है?

जैसे भारत में कुछ लोगों के नाम दारोगा पांडे या सिपाही सिंह होते हैं लेकिन वे न दारोगा होते हैं और न सिपाही. उसी तरह ‘थियेटर ओलंपिक्स’ संस्था ओलंपिक के नाम का इस्तेमाल कर रही है.

दर्शक कृपया ध्यान दें! एनएसडी के कर्ता-धर्ता पर्दे के पीछे दूसरे ही नाटक में लगे हैं

जिस भारंगम को अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के रूप में पेश किया जाता है , उसका इस्तेमाल नाट्य विद्यालय के पदाधिकारी निजी फायदे के लिए कर रहे हैं.