एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा संचालित सूचीबद्ध कंपनियों ने 2019-20 और 2021-22 के बीच पीएम केयर्स फंड में कम से कम 2,913.6 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. शीर्ष पांच दानदाताओं में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन, एनटीपीसी, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन शामिल हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ की स्थिति को लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है और देश के दूसरे हिस्सों में बैठे लोगों को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में 65-70 फीसदी लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. पड़ोसी पर्यटन स्थल औली में भी सब कुछ सामान्य है. पर्यटक अभी भी औली आ रहे हैं.
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने उत्तराखंड सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों में जरूरी ‘तत्परता और तेजी’ नहीं होने का आरोप लगाया है. इस बीच शीर्ष अदालत भू-धंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि चूंकि राज्य का हाईकोर्ट इससे जुड़े विस्तृत मामलों की सुनवाई कर रहा है, इसलिए सैद्धांतिक रूप से उसे ही इस मामले पर सुनवाई करनी चाहिए.
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती का कहना है कि सरकार एनटीपीसी को क्लीनचिट दे रही है, जिससे स्थानीय निवासियों में गुस्सा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्तमान स्थिति को प्राकृतिक आपदा क़रार दिया है. यह प्राकृतिक आपदा नहीं है. समिति ने कहा है कि वह इसके विरोध में गणतंत्र दिवस के अवसर पर विरोध प्रदर्शन करेगी.
दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि कोयले की कमी के चलते मेट्रो ट्रेन, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावॉट पहुंच गई है. वहीं एनटीपीसी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी को बिजली आपूर्ति करने वाले ऊंचाहार और दादरी बिजली स्टेशन पूरी क्षमता से चल रहे हैं और ‘नियमित’ कोयले की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं.
वीडियो: भारत भर में छात्र विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के रिज़ल्ट और कई भर्ती परीक्षाओं की तारीखों के ऐलान करने का इंतज़ार कर रहे हैं. इसके ख़िलाफ़ तमाम युवाओं ने एक ऑनलाइन विरोध अभियान शुरू किया है. द वायर ने ऐसे कुछ युवाओं से बातचीत की.
ग्राउंड रिपोर्ट: मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के कांटी में बना एनटीपीसी का थर्मल पावर प्लांट स्थानीयों के लिए नौकरियों और विकास के सपनों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन आज आजीविका की जद्दोजहद में लगे स्थानीय लोग प्लांट से निकल रही ज़हरीली गैस और राख़ के चलते रोगों से घिरे हैं, जिनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है.
रिहंद सरोवर में औद्योगिक कचरा डाले जाने के कारण मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित इस परियोजना के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गई है. कहा गया है कि इस साल अप्रैल में ऐश डैम टूटने से संयंत्र से निकलने वाली राख आसपास के खेतों में फैल गई. इससे कथित तौर पर छह ग्रामीणों की मौत हो गई, जिसमें तीन नाबालिग भी शामिल थे.
लोकसभा चुनाव के दौरान लवासा ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चुनाव आयोग द्वारा दी गई क्लीनचिट का विरोध किया था.
मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पत्र लिखकर पूछा है कि विद्युत मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहीं अपने प्रभाव का अनुचित इस्तेमाल तो नहीं किया था. लोकसभा चुनाव के दौरान लवासा ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चुनाव आयोग द्वारा दी गई क्लीनचिट का विरोध किया था.
फ्लाई ऐश में भारी धातु जैसे आर्सेनिक, सिलिका, एल्युमिना, पारा और आयरन होते हैं, जो दमा, फेफड़े में तकलीफ, टीबी और यहां तक कि कैंसर तक का कारण बनते हैं.
क्या लोकपाल सर्च कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को उन्हें कमेटी से हटा नहीं देना चाहिए या अरुंधति भट्टाचार्य को ख़ुद से इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए?
ग्राउंड रिपोर्ट: नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के कहलगांव स्थित थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख से आसपास के गांवों में रहने वाले लोग पिछले कई सालों से दमा, टीबी और फेफड़ों के संक्रमण जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं.
रायबरेली पहुंचे राहुल बोले, ‘समय से पहले चलाया गया संयंत्र, जांच हो. प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि मंजूर की.
रायबरेली के ऊंचाहार में भीषण दुर्घटना, मॉरीशस की यात्रा पर गए मुख्यमंत्री योगी ने की दो-दो लाख मुआवज़े की घोषणा.