वीडियो: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बोलते हुए सदन में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई को भाषण के दौरान कई बार टोका था. इस पर गोगोई ने कहा कि विपक्षी सांसदों को उनके भाषण के दौरान रोका जाता है पर सत्ता पक्ष के सदस्य सदन में कोई भी मामला उठा सकते हैं.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगाए गए 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोपों को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफ़ारिश पर उन्हें सदन से निष्काषित कर दिया गया. इसके बाद मोइत्रा ने कहा कि अगर मोदी सरकार को लगता है कि उन्हें चुप कराकर अडानी मुद्दे को भुला दिया जाएगा है, तो वो ग़लत है.
बीते सितंबर महीने में भाजपा के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन में अपने संसद सहयोगी बसपा के दानिश अली के ख़िलाफ़ मुस्लिम विरोधी अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. इसकी शिकायत उन्होंने दर्ज कराई थी. इसके जवाब में भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने अली के ख़िलाफ़ ‘प्रधानमंत्री को लेकर आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी’ करने का आरोप लगाया था.
कैश फॉर क्वेरी के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफ़ारिश पर एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्ष के सदस्यों ने कहा है कि इसने अपनी जांच ‘अनुचित जल्दबाज़ी’ और ‘संपूर्ण औचित्य की कमी’ के साथ की है. यह सिफ़ारिश ‘पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से की गई है और एक ख़तरनाक मिसाल पैदा करेगी’.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि संसद में अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत के रूप में ‘नकद’ और ‘उपहार’ दिए गए थे. इस संबंध में वह संसद की एथिक्स कमेटी के समक्ष उपस्थित हुई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे अपमानजनक और पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यवहार किया गया.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बीते रविवार को लोकसभा अध्यक्ष को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि संसद में अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत के रूप में ‘नकद’ और ‘उपहार’ दिए गए थे. उन्होंने वकील जय अनंत से इसकी जानकारी मिलने का दावा किया था.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है. आरोप के जवाब में महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
भाजपा की संस्कृति बदज़बानी और बदतमीज़ी की संस्कृति है. प्रतिपक्षियों, मुसलमानों को अपमानित करके उन्हें साबित करना होता है कि वे भाजपा के नेता माने जाने लायक़ हैं. बिधूड़ी सिर्फ़ सबसे ताज़ा उदाहरण हैं.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र 2020 के बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मियों पर प्रतिबंध लागू किया गया था, लेकिन अब भी पत्रकारों को प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है.
संसद की कार्यवाही के बार-बार स्थगित होने के बीच दो बार केंद्रीय बजट को पारित करने के असफल प्रयास हुए थे. गुरुवार शाम विपक्ष द्वारा बताए गए संशोधनों को ध्वनिमत से ख़ारिज करते हुए इसे मात्र 12 मिनट के भीतर पारित कर दिया गया.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि पिछले तीन दिनों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सिर्फ़ भाजपा के मंत्रियों को बोलने की अनुमति दी और फिर संसद को स्थगित कर दिया, किसी भी विपक्षी सदस्य को बोलने की अनुमति उन्होंने नहीं दी. इसी तरह का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी बिड़ला को पत्र लिखा है.
17 जून 2019 को वर्तमान लोकसभा की बैठक के तुरंत बाद अध्यक्ष (स्पीकर) ओम बिड़ला चुने गए थे, लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद अभी भी ख़ाली है. नियमों के अनुसार, निर्वाचित स्पीकर को अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद अपने डिप्टी के चुनाव की सूचना देनी चाहिए. हालांकि, बिड़ला ने ऐसा करने से परहेज़ किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सात फरवरी को संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच संबंधों को लेकर कई टिप्पणियां की थीं. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि राहुल के भाषण के 18 अंशों को संसदीय रिकॉर्ड से हटाकर लोकसभा में लोकतंत्र ख़त्म किया गया. इस बीच राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपनी कही गईं बातों के कुछ हिस्से को कार्यवाही से हटाए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आपत्ति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम निरस्त किए जाने पर कहा कि ऐसा दुनिया में कहीं नहीं हुआ. कोई भी संस्था लोगों के जनादेश को बेअसर करने के लिए शक्ति या अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. इससे पहले भी वह सुप्रीम कोर्ट के इस क़दम की आलोचना कर चुके हैं.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बताया कि देश के 19 राज्यों की विधानसभाओं में महिला विधायकों की संख्या 10 प्रतिशत से कम है. पूरे देश में विधानसभाओं में महिला विधायकों का औसत केवल आठ प्रतिशत है. वहीं, लोकसभा में महिला सांसदों की हिस्सेदारी 14.94 प्रतिशत और राज्यसभा में 14.05 प्रतिशत है.