विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) जम्मू और कश्मीर में एक विशेष सुरक्षा इकाई है जिसे पूर्व राज्य में मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था. इस निर्णय से फ़ारूक़ अब्दुल्ला, ग़ुलाम नबी आज़ाद और दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की सुरक्षा ऐसे समय में हट जाएगी, जब श्रीनगर में कई आतंकी घटनाएं हुई हैं. आज़ाद के अलावा सभी पूर्व मुख्यमंत्री श्रीनगर में रहते हैं.
गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन करने की बात कही थी. प्रस्तावित धरने से पहले शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में अलग-अलग विरोध मार्च निकाला.
जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इस क़दम की आलोचना की है. पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती ने केंद्रशासित प्रदेश को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में छह और कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी का मानना है कि परिसीमन की क़वायद का मूल आधार ही अवैध है.
विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मक़सद से गठित परिसीमन आयोग के इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए पीडीपी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने कहा कि आयोग ने उसकी सिफ़ारिशों में आंकड़ों के बजाय भाजपा के राजनीतिक एजेंडा को तरजीह दी है.
भाजपा महासचिव अशोक कौल ने कहा कि जब आम आदमी बिना किसी डर के मुक्त रूप से घूमने लगेगा तो केंद्रशासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. इस बयान की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निशाना बनाकर की गईं हत्याएं केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन की ‘सामूहिक विफलता’ को दर्शाती हैं.
शोपियां जिले में हुई इस घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान शाहिद अहमद राथर के रूप में हुई है, जो एक दिहाड़ी मज़दूर थे. सीआरपीएफ ने दावा किया है कि आतंकियों की ओर से हुई गोलीबारी का जवाब देते वक़्त यह वाक़या हुआ. घटना पर घाटी के मुख्यधारा के दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.
कश्मीर के विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस टिप्पणी पर हैरानी जताई और कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में दिए उनके बयान 'दिल जीतकर दिल्ली और जम्मू कश्मीर के अंतराल को पाटना होगा' का हवाला देते हुए कहा कि सूबे के दर्जे को कमज़ोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता है.
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि ईंधन की कीमतें अधिक नहीं हैं, इसमें टैक्स शामिल है. फ्री वैक्सीन तो आपने ली होगी, पैसा कहां से आएगा? आपने पैसे का भुगतान नहीं किया है, इसे इस तरह से एकत्र किया गया है.
सात अक्टूबर को अनंतनाग में एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत देने के बावजूद एक कार के न रुकने पर सीआरपीएफ जवानों ने गोलियां चला दीं, जिसमें परवेज़ अहमद नाम के एक शख़्स की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी सहमति के बिना ही शव दफ़ना दिया. परवेज़ के परिवार के साथ घाटी के कई नेताओं ने इस घटना की जांच की मांग की है.
जम्मू कश्मीर में बीते पांच दिनों सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 2021 में अब तक 28 नागरिकों की हत्या की है. अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 71 सुरक्षा बलों पर और 26 नागरिकों पर हुए हैं.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद विपक्षी दलों के कई नेताओं ने रात में उत्तर प्रदेश जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में शनिवार को अज्ञात लोगों ने मट्टन इलाके में पहाड़ पर स्थित माता बरघशिखा भगवती मंदिर में तोड़-फोड़ की. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब केंद्र सरकार 1990 के दशक के शुरुआत में घाटी छोड़कर गए कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर क़दम उठा रही है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कुशीनगर में कहा था कि साल 2017 से पहले सिर्फ ‘अब्बा जान’ कहने वालों को ही राशन मिलता था. आंकड़े दर्शाते हैं कि ऐसा किसी भी तरह से संभव नहीं है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरा मानना रहा है कि भाजपा का सारा ज़हर मुस्लिमों के प्रति होता है. यहां एक मुख्यमंत्री हैं, जो दोबारा यह दावा कर चुनाव जीतना चाहते हैं कि मुस्लिमों ने हिंदुओं के हिस्से का पूरा राशन खा लिया. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वर्ष 2017 से पहले सिर्फ़ ‘अब्बा जान’ कहने वालों को ही राशन मिलता