'एक देश एक चुनाव' के प्रस्ताव में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ स्थानीय निकायों के चुनाव भी एक साथ कराए जाने की सिफ़ारिश की गई है. विपक्ष का कहना है कि यह अव्यावहारिक और लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने बीते अक्टूबर में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने पर अपने विचार भेजने को कहा था. पार्टियों के लिए अपना लिखित जवाब भेजने की आखिरी तारीख 18 जनवरी थी, जिसके बाद कई पार्टियों के नेताओं ने कोविंद से मुलाकात की थी.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ‘प्रतिदिन मीडिया नेटवर्क’ द्वारा आयोजित एक चर्चा में कहा कि विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन में कुछ मतभेदों को दूर करने की ज़रूरत है, लेकिन वे सब मिलकर 'आइडिया ऑफ इंडिया' को बचाने के लिए लड़ रहे हैं.
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवहार्यता की जांच के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है. विपक्ष के नेताओं ने इसकी आलोचना करते हुए इसे एक ‘चाल’ क़रार दिया और आरोप लगाया कि सरकार धीरे-धीरे भारत में लोकतंत्र की जगह तानाशाही लाना चाहती है.