अमेरिका के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट्स द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि भारत समेत कई देशों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि 75 फीसदी महिला पत्रकारों ने माना है कि वे ऑनलाइन हिंसक हमलों का सामना कर रही हैं. कई महिलाओं ने यह भी बताया कि ऑनलाइन ट्रोलिंग का नतीजा शारीरिक हमलों के तौर पर भी सामने आया.