मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा विपक्षी दलों और नेताओं को निशाना बनाने के बीच तीन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाइयां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में हस्तक्षेप हैं. चुनाव आयोग को एजेंसियों से मिलकर बात करनी चाहिए कि वे चुनाव ख़त्म होने तक इंतज़ार क्यों नहीं कर सकते.
मुख्य चुनाव आयुक्त के सुनील अरोड़ा का कार्यकाल सोमवार को ख़त्म हो गया. विधि मंत्रालय ने बताया कि चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा मंगलवार को कार्यभार संभालेंगे. चंद्रा के कार्यकाल में आयोग गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराएगा.
90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 66, भाजपा 17, बसपा तीन और अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस ने चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं.
चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान कालेधन की व्यापक पैमाने पर धरपकड़ हुई है. अवैध रकम के अलावा शराब, मादक द्रव्य और कीमती जेवरात बरामद किए गए हैं.
विशेष रिपोर्ट: 20 नवंबर को आखिरी चरण की वोटिंग के बाद मतों की गिनती में तकरीबन 47 हज़ार मतों का इज़ाफ़ा हुआ है.
ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.
सुनील अरोड़ा आईएएस के 1980 बैच के राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. बतौर केंद्रीय चुनाव आयुक्त अरोड़ा की नियुक्ति 31 अगस्त 2017 को हुई थी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि चुनाव में पैसे के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयोग राज्य से वित्तीय सहायता (स्टेट फंडिंग) से चुनाव लड़ने जैसे उपयों पर विचार कर रहा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि आयोग ने ईवीएम की गड़बड़ी मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है और आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में निर्धारित विधानसभा चुनावों को टाला जा सकता है और उन्हें अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव के साथ कराया जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि अगर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को समय से पहले दिसंबर में कराया जाता है, तो उसी समय चार विधानसभा चुनाव भी साथ में कराने में चुनाव आयोग सक्षम है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत पर साल 2009 में आदिम जाति कल्याण विभाग का प्रमुख सचिव रहते हुए अपात्र लोगों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ देने का आरोप लगा था.
चुनाव आयुक्त से पहले भाजपा आईटी सेल प्रमुख के सोशल मीडिया पर तारीखें बताने पर हुआ विवाद, चुनाव आयुक्त बोले होगी कड़ी कार्रवाई.